सिनेमा में फिर से लौट आया ब्लैक एंड व्हाइट युग, साउथ की ‘भ्रमयुगम’ ब्लैक एंड व्हाइट मूवी ने की खूब कमाई
मुंबई : नहीं, आपके टीवी में कोई खराबी नहीं है। 1937 में रिलीज हुई भारत की पहली रंगीन फिल्म ‘किसान कन्या’ के लगभग 90 साल बाद, मोनो-क्रोम वापस आ गया है। मलयालम स्टार ममूटी की हॉरर थ्रिलर ‘भ्रमयुगम’ ने दुनियाभर में 60 करोड़ रुपये की कमाई की है और यह भारत की सबसे बड़ी ब्लैक एंड व्हाइट कमाई करने वाली फिल्म बन गई है। ये 15 फरवरी को वर्ल्डवाइड थिएटर्स में रिलीज हुई थी।
इस फिल्म के सिनेमेटोग्राफर शहनाद जलाल का कहना है कि फिल्म की संकल्पना (विचार) ब्लैक एंड व्हाइट रंग में की गई थी और इसे केवल उसी में शूट किया गया था। वे कहते हैं, ‘इससे हमें दर्शकों को एक अज्ञात-अपरिचित रहस्यमयी दुनिया में ले जाने में मदद मिली और हम जो मूड बनाना चाहते थे, उसमें निखार आया।’
‘भ्रमयुगम’ की कल्पना ब्लैक एंड व्हाइट कलर में की गई थी, जबकि अनुभव सिन्हा की फिल्म ‘भीड़’ हॉलीवुड मूवी ‘शिंडलर्स लिस्ट’ से प्रेरित थी। सिनेमैटोग्राफर सुप्रतिम भोल ने कई B&W फिल्मों की शूटिंग की है। यह दर्शकों के बीच जिज्ञासा पैदा करने का एक दिलचस्प प्रयोगात्मक तरीका है। उन्होंने कहा, ‘इसे इस तरह से डिजाइन किया गया है कि यह 1940 के दशक में कोलकाता के जीवन को प्रतिबिंबित करता है।’ हालांकि, सभी फिल्मों और शोज की शुरुआत से ही ‘ब्लैक एंड व्हाइट’ कलर में कल्पना नहीं की जाती है।
राजकुमार राव और भूमि पेडनेकर स्टारर ‘भीड़’ के सिनेमेटोग्राफर सौमिक मुखर्जी का कहना है कि यह मूल विचार नहीं था। मुखर्जी कहते हैं, ‘एक दिन हम साथ बैठे थे और मैं अनुभव सर (डायरेक्टर) को ‘शिंडलर्स लिस्ट’ के कुछ रिफरेंस दिखा रहा था और उन्हें यह विचार वास्तव में पसंद आया।’ मुखर्जी का मानना था कि ‘भीड़’ में रंग की कमी दर्शकों को प्रवासी लोगों की पीड़ा के प्रति ज्यादा सहानुभूति महसूस करने का मौका देगी।
हॉलीवुड के फेमस फिल्ममेकर स्टीवन स्पीलबर्ग ने स्वीकार किया है कि मोनोक्रोम के उपयोग को लेकर स्टूडियो के साथ लड़ाई हुई थी, लेकिन उन्होंने होलोकॉस्ट (दूसरे विश्वयुद्ध में यहूदी नरसंहार) को ‘रंगीन’ करने से इनकार कर दिया। 1993 की फिल्म ने बेस्ट मूवी का ऑस्कर जीता। ये मुख्य रूप से ब्लैक एंड व्हाइट है, फिल्म में कुछ सीन रंगीन हैं। जैसे कि लाल कोट में एक लड़की को हाइलाइट करना।
‘कोटा फैक्ट्री’ वेब सीरीज याद होगी। इस शो को काफी ज्यादा पसंद किया गया। पूरा शो ब्लैक एंड व्हाइट में शूट हुआ है। कहीं-कहीं कुछ सीन्स ही (शुरुआत में) रंगीन में दिखाए गए हैं। कुछ ऐसा ही ‘रॉकिंग स्टार’ की फिल्म ‘केजीएफ’ और ‘केजीएफ 2’ में देखने को मिला। वहां कोयले के खदान में शूट किए गए सीन्स (कुछ सीन्स) भी ब्लैक एंड व्हाइट थे।
ऑस्कर में भी छाईं ब्लैक एंड व्हाइट फिल्में
– फ्रेंच कॉमेडी-ड्रामा ‘द आर्टिस्ट’ ने 2012 में बेस्ट पिक्चर अवॉर्ड जीता
– अल्फोंसो क्वारोन की ‘रोमा’ (2019) ने बेस्ट फॉरेन लैंग्वेज (विदेशी भाषा) फिल्म का अवॉर्ड जीता
– विड फिन्चर की ‘मांक’ को 2021 में बेस्ट सिनेमैटोग्राफी का अवॉर्ड मिला
– ब्रिटिश मूवी ‘बेलफास्ट’ को 2022 में बेस्ट पिक्चर सहित सात नॉमिनेशन मिले
– 2023 में ‘ओपेनहाइमर’ और ‘पुअर थिंग्स’ बेस्ट पिक्चर सहित अवॉर्ड मिले