200 रुपये की खून जांच, कैंसर से लेकर दिल की बीमारी की देती है जानकारी, जानें पूरी रिपोर्ट का मतलब

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सीबीसी यानी कम्प्लीट ब्लड काउंट एक नॉर्मल ब्लड टेस्ट है. इससे तमाम बीमारियों का पता लगाया जा सकता है. इस टेस्ट के जरिए मुख्य रूप से रक्त में मौजूद व्हाइट ब्लड सेल्स, रेड ब्लड सेल्स और प्लेटलेट्स की काउंटिंग की जाती है. इसके अलावे भी इससे रक्त में मौजूद कई अन्य चीजों के लेवल की जानकारी मिलती है. सीबीसी की रिपोर्ट मुख्य रूप से अनेमिया, इंफेक्शन, दिल की बीमारी और कैंसर जैसी बीमारियों की जानकारी देती है. सामान्य तौर पर डॉक्टर हेल्थ कंडीशन को जानने के लिए सीबीसी टेस्ट करवाते हैं. वैसे रूटीन हेल्थ चेकअप के दौरान भी यह टेस्ट किया जाता है.

लाल रक्त कोशिकाएं यानी Red blood cells सबसे कॉमन ब्लड सेल्स होते हैं. इसमें हीमोग्लोबीन होता है. हीमोग्लोबीन एक अहम प्रोटीन है जो हमारे पूरे शरीर में ऑक्सीजन की सप्लाई करता है. रेड ब्लड सेल्स की काउंटिंग में हीमोग्लोबीन और हीमाटोक्रीट शामिल किए जाते हैं. अगर आपके रक्त में आरबीसी यानी हीमोग्लोबीन या हीमाटोक्रीट का काउंट कम है तो आप अनेमिया की बीमारी से पीड़ित हो जाते हैं. अगर यह मात्रा नॉर्मल रेंज से ज्यादा है तो आपके पॉलीसीथेमिया दिल की बीमारी या फिर कार्डिक अरेस्ट से पीड़ित होने की आशंका बढ़ जाती है.

हीमोग्लोबीन- 13.5-17.5g/dL (पुरुष)
हीमोग्लोबीन- 12-15.5g/dL (महिला)
हेमाटोक्रीट- 0.33 – 0.42 (अनुपात)

ये रक्त में पाए जाने वाले दूसरे सबसे अहम सेल्स होते हैं. ये सेल्स हमें वायरस, बैक्टेरिया और पैरासाइट्स (परजीवी) से लड़ने में सक्षम बनाते हैं. अगर रक्त में नॉर्मल रेंज से ज्यादा WBC हो तो इसके पीछ किसी तरह के इंफेक्शन या इंफ्लामेशन कारण हो सकते हैं. यह रिपोर्ट बोन मैरो या एम्यून सिस्टम में किसी तरह की दिक्कत की ओर इशारा करते हैं. इसी तरह WBC काउंट कम हो तो कई गंभीर बीमारियों के संकेत मिलते हैं. ये हमारे शरीर की प्रतिरोधक क्षमता, डब्ल्यूबीसी के प्रोडक्शन और यहां तक कि कैंसर के भी संकेत देते हैं. न्यूट्रोफिल्स , लिंफोसाइट्स मोनोसाइट्स और एऑसिनोफिल्स ये चार WBC के प्रकार हैं. इनका रेंज इतना होना चाहिए.

प्लेटलेट्स भी हमारे रक्त में पाए जाने वाले एक तरह के सेल्स हैं. ये हमारे पूरे शरीर में दौड़ते रहते हैं. रक्त में इसकी मौजूदगी से ही रक्त का थक्का जमता है. हाई या लो प्लेटलेट्स अक्सर आपके मेडिकल कंडीशन की ओर इंगित करते हैं. ऐसा किसी दवाई के साइड इफेक्ट के कारण भी होता है.
क्या प्लेटलेट्स और ड्ब्ल्यूबीसी एक ही हैं?

दरअसल, हमारे रक्त में तीन तरह के सेल्स पाए जाते हैं. ये हैं- आरबीसी, डब्ल्यूबीसी और प्लेटलेट्स. इन तीनों के क्लीनिकल नाम भी हैं. आरबीसी को एरोथ्रोसाइट्स डब्ल्यूबीसी को ल्यूकोसाइट्स और प्लेटलेट्स को थ्रोम्बोसाइट्स नाम दिया गया है.

सीबीसी की रिपोर्ट से अनेमिया , ऑटोएम्यून डिसऑर्डर , बोन मैरो डिसऑर्डर , उल्टी-दस्त , इंफेक्शन , इंफ्लामेशन , ल्यूकेमिया , लिंफोमा , थलासेमिया और कैंसर जैसी तमाम बीमारियों का पता चलता है.

आम तौर पर सीबीसी की रिपोर्ट के आधार पर मरीज का इलाज नहीं किया जाता है. लेकिन, इससे डॉक्टर को पता चल जाता है कि हमारे शरीर में किस बीमारी के होने की आशंका बन रही है. इसके बाद डॉक्टर उसकी पुष्टि करने के लिए आगे अन्य खास ब्लड टेस्ट करवाते हैं. आगे के खास टेस्ट आपको होने वाली परेशानी और लक्षणों को ध्यान में रखकर करवाए जाते हैं.

सीबीसी टेस्ट की कीमत अलग-अलग लैब और शहर में अलग-अलग है. दिल्ली-एनसीआर में मैक्स लैब में इस टेस्ट की कीमत 350 रुपये है. डॉ. लाल पैथ लैब में इस टेस्ट की कीमत 399 रुपये हैं. तमाम स्थानीय लैब्स में इसकी जांच 200 रुपये से शुरू हो जाती है. पैथकाइंड लैब्स में सीबीसी टेस्ट की कीमत भी 350 रुपये है.

CBC रिपोर्ट और शरीर के लक्ष्ण को समझते हुए डॉक्टर अध्ययन करते हैं. दरअसल, हमारा रक्त दो चीजों के मिलने से बनता है. पहला- प्लाजमा और दूसरा- सेल्स. प्लाजमा वो तरल पदार्थ होता है जिससे सहारे सेल्स जीवित रहते हैं. यहां यह जानना जरूरी है कि CBC टेस्ट में केवल सेल्स की काउंटिंग की जाती है.

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