गोरखपुर। 22 जनवरी को अयोध्या में श्रीरामलला के प्राण प्रतिष्ठा समारोह में सम्मिलित होने वाले प्रधानमंत्री, राज्यपाल, मुख्यमंत्री व संघ प्रमुख समेत अन्य विशिष्टअतिथियों को गीताप्रेस के ‘अयोध्या दर्शन’ का प्रसाद मिलेगा। लागत से भी कम मूल्य में धार्मिक पुस्तकें उपलब्ध कराने वाले गीताप्रेस ने पुस्तक माध्यम से श्रीराम जन्मभूमि अयोध्या का समग्र दर्शन कराने की पहल की है।
इस पुस्तक में अयोध्या के इतिहास, प्रमुख मंदिरों, तीर्थों व सांस्कृतिक महात्म्य का परिचय है।
अयोध्या में श्रीरामलला की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर तैयारियां जोरशोर से चल रही हैं। प्राण प्रतिष्ठा के प्रसाद में गीताप्रेस भी योगदान देने जा रहा है। प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल होने वाले श्रद्धालुओं को श्रीराम मंदिर तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की तरफ से जो प्रसाद दिया जाएगा उसमें गीता प्रेस की तरफ से तैयार किए जा रहे पुस्तक-गुच्छ को भी शामिल किया जाएगा।।
इस पुस्तक गुच्छ में अयोध्या दर्शन, अयोध्या महात्म्य, कल्याण पत्रिका का श्रीरामांक व गीताप्रेस की डायरी गीता दैनंदिनी होगी। गीता प्रेस में अयोध्या आने वाले खास मेहमानों के लिए 100 पुस्तक गुच्छ तैयार किए जा रहे हैं जबकि अयोध्या दर्शन की दस हजार प्रतियां भेजी जाएंगी।
इसके अलावा खास समारोह के लिए श्रीरामांक की तीन हजार प्रतियां प्रकाशित की जा रही हैं। यह 1972 में छपे कल्याण के विशेषांक का परिवर्धित संस्करण होगा। इसमें उस साल के फरवरी व मार्च के साधारण अंकों में छपे सभी लेख व सूर्य वंशावली भी शामिल की जाएगी, जो पुराने विशेषांक में नहीं थी।
इस बीच श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट से उद्घाटन समारोह में शामिल होने के लिए गीताप्रेस को भी आमंत्रण पत्र प्राप्त हुआ है। ट्रस्टी देवीदयाल अग्रवाल के नाम से पत्र आया है। वह वहां समारोह में उपस्थित रहेंगे और अपनी आंखों से उद्घाटन देखेंगे।
गीताप्रेस के ट्रस्टी देवी दयाल अग्रवाल कहते हैं कि वर्षो के इंतजार के बाद अब वह दिन आया है जिसकी कई सालों से सनातनियों को प्रतीक्षा थी। श्रीरामलला के प्राण प्रतिष्ठा के अवसर पर गीताप्रेस अयोध्या दर्शन व अन्य कई पुस्तको को वहां उपलब्ध कराएगा। वितरण के लिए अयोध्या दर्शन पुस्तक की दस हजार प्रतियां भेजी जाएंगी।
गीताप्रेस के प्रबंधक डॉ. लालमणि तिवारी का कहना है कि अयोध्या दर्शन व श्रीरामांक के अलावा गीताप्रेस के अन्य पुस्तकें पर्याप्त संख्या में हैं। विशिष्ट अतिथियों के लिए पुस्तकें अलग कर दी गई हैं। श्रीरामांक की छपाई चल रही है। छपने के बाद पुस्तक गुच्छ तैयार कर श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट को भेज दिया जाएगा।