12 बार वैक्सीन लेने वाले ब्रह्मदेव मंडल को मिली जमानत, थाने से ही मिला बेल
कोरोना वैक्सीन (Corona vaccine) की 12 खुराक लेकर सुर्खियों में आए मधपेुरा के ब्रह्मदेव मंडल (Brahmadev mandal) को आखिकार जमानत मिल गई है. ब्रह्मदेव मंडल को थाने से ही जमानत मिल गई है. बेल मिलने से पहले वह भागे-भागे फिर रहे थे. अब जब उन्हें जमानत मिल गई है तो उन्होंने राहत की सांस ली है. दरअसल ब्रह्मदेव मंडल ने कुछ दिनों पहले ही दावा किया था कि उन्होंने कोरोना वैक्सीन की 12 खुराक ली है. हर बार वैक्सीन की खुराक लेने के बाद उन्हें बहुत फायदा हुआ. उन्होंने कहा था कि इससे पहले वह बहुत बीमार थे लेकिन वैक्सीन लेने के बाद स्वास्थ्य संबंधी जितनी भी परेशानी उन्हें थी वह दूर हो गई. तब उन्होंने तारीख और जगह के साथ 12 वैक्सीन लेने का दावा किया था.
इसके बाद स्वास्थ्य विभाग की खूब किरकिरी हुई थी. उनपर सवाल उठने लगे थे कि जब कोरोना वैक्सीन के दोनों की खुराक का रजिस्टेशन आधार कार्ड के आधार पर होता है तो ब्रह्मदेव मंडल मे 12 बार कोरोना वैक्सीन कैसे ली. इसके बाद मधेपुरा के चिकित्सा पदाधिकारी डा .विनयकृष्ण प्रसाद ने पुलिस थाने में ब्रह्मदेव मंडल के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराया. उनपर संगीन धाराओं में मुकदाम दर्ज कराया गया था. बुजुर्ग ब्रह्मदेव मंजल पर धोखधड़ी और सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने का मामला दर्ज कराया गया. इसके बाद से बह्मदेव मंडल परेशान थे.
इधर एफआईआर होने के बाद उन्हें गिरफ्तार करने पुलिस पहुंची तो वह फरार हो गए. तब उनके परिवार के लोगों ने आरोप लगाया कि पुलिस ने उनके घर के दरवाजे तोड़ दिया. बह्मदेव मंजल की पत्नी ने कहा कि उनके साथ ऐसा व्यवहार किया गया जैसे वह कोई दुर्दांत अपराधी हो. इसके बाद से मंडल भागे-भागे फिर रहे थे. इस दौरान उन्होंने वीडियो जारी कर धमकी दी थी कि अगर उन्हें परेशान किया गया तो वह आत्महत्या कर लेगें. इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा था कि वह इसकी शिकायत प्रधानमंत्री से करेंगे.
वीडियो वायरल होने के बाद मधेपुरा SP राजेश कुमार ने कहा था, ‘चूंकि वे काफी वृद्ध व्यक्ति हैं, इसलिए पुलिस सहानुभूति के साथ उनसे पूछताछ करेगी. साथ ही उनसे भी जांच में सहयोग करने की अपील की थी, इधर मामले में राजनीति भी तेज हो गई थी. मामले में मधेपुरा के सांसज पप्पू यादव ने कहा था कि गलती कोई करे और सजा कोई भुगते. पप्पू यादव ने कहा था कि मामले में स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों पर कार्रवाई होनी चाहिए.