नई दिल्ली: जीएसटी काउंसिल की शनिवार को होने वाली बैठक में गुटखा, पान मसाला जैसे आइटम्स पर एक्स्ट्रा टैक्स लगाने को लेकर मंथन हो सकता है। दरअसल, मंत्री समूह (जीओएम) की रिपोर्ट में पान मसाला और गुटखा कंपनियों द्वारा टैक्स चोरी के मामलों का जिक्र किया गया है। इसके साथ ही एक्स्ट्रा टैक्स लगाने की भी सलाह दी गई है।
38 आइटम्स पर टैक्स का प्रस्ताव: बिजनेस स्टैंडर्ड की खबर के मुताबिक जीओएम ने एक “विशिष्ट टैक्स-आधारित लेवी” का प्रस्ताव दिया है, जो आइटम्स की खुदरा कीमतों से जुड़ा होना चाहिए। पैनल ने रिपोर्ट में पान-मसाला, हुक्का, चिलम और चबाने वाले तंबाकू सहित 38 ऐसी आइटम्स पर विशिष्ट टैक्स रेट्स का प्रस्ताव किया है, जो इन आइटम्स के खुदरा बिक्री मूल्य के 12 प्रतिशत से लेकर 69 प्रतिशत तक हैं। आपको बता दें कि वर्तमान में इन आइटम्स पर 28 प्रतिशत जीएसटी लगता है।
रिपोर्ट के मुताबिक ओडिशा के वित्त मंत्री निरंजन पुजारी के नेतृत्व में मंत्रिस्तरीय पैनल ने इस मुद्दे पर अपनी अंतिम रिपोर्ट सौंप दी है और इसे शनिवार को जीएसटी काउंसिल की बैठक में पेश किए जाने की संभावना है। अगर रिपोर्ट को मंजूरी मिल जाती है, तो रिटेलर और डिस्ट्रीब्यूटर दोनों के स्तर पर टैक्स चोरी रोकने में मदद मिलेगी।
ये भी है प्रस्ताव: इसके अलावा जीएसटी कानून के तहत गड़बड़ियों को अपराध की श्रेणी से बाहर करने पर विचार किये जाने की संभावना है। बैठक के एजेंडे में अपीलीय न्यायाधिकरणों की स्थापना की व्यवस्था बनाना शामिल है। इसके अलावा ऑनलाइन गेमिंग और कसीनो पर जीएसटी को लेकर विचार-विमर्श भी किया जा सकता है।
जीएसटी काउंसिल टैक्स अधिकारियों की एक रिपोर्ट पर भी विचार करेगी और कुछ वस्तुओं और सेवाओं में जीएसटी दर को स्पष्ट करेगी। आपराधिक मामलों के तहत मुकदमा चलाने के लिए वर्तमान पांच करोड़ रुपये की सीमा को बढ़ाकर 20 करोड़ रुपये करने का सुझाव दिया गया है।