ब्रजेश पाठक ने प्राइवेट अस्पतालों में पांच से 10 बेड कोरोना संक्रमितों के लिए आरक्षित करने के दिए निर्देश
डिप्टी सीएम के निर्देश पर लोहिया संस्थान और लोकबंधु अस्पताल में हुई मॉक ड्रिल
लखनऊ: कोरोना वायरस से डरने की जरूरत नहीं है। एहतियात बरतें। भीड़-भाड़ में निकलने से बचें। मास्क से मुंह और नाक को अच्छी तरह से ढ़कने के बाद ही घर से बाहर निकलें। समय-समय पर हाथों को सैनेटाइज करें। सर्दी-जुकाम, बुखार गले में खराश के लक्षणों को नजरअंदाज न करें। डायरिया भी संक्रमण का लक्षण हो सकता है। अभी 35 से 40 फीसदी संक्रमितों में कोरोना के लक्षण नजर आ रहे हैं। बाकी 60 फीसदी मरीज बिना लक्षण के हैं।
प्रदेश के उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने सोमवार को लोगों से कोरोना से बचाव के लिये टीकाकरण कराने की इस तरह से अपील की। उन्होंने कहा कि वैक्सीन ही कोरोना से लड़ाई का मजबूत हथियार है। कोरोना संक्रमण से निपटने के लिए अस्पतालों में पुख्ता व्यवस्था है। केजीएमयू, लोकबंधु, बलरामपुर, लोहिया समेत दूसरे अस्पतालों में कोरोना मरीजों के भर्ती की पुख्ता व्यवस्था है। डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक के निर्देश के बाद अस्पतालों में मॉक ड्रिल कराई जा रही है। इसमें कोरोना संक्रमितों की भर्ती का समय और प्रक्रिया परखी जा रही है। अभी लोहिया संस्थान और लोकबंधु अस्पताल में मॉक ड्रिल हुई है। मॉक ड्रिल में पांच से सात मिनट में कोरोना संक्रमित की भर्ती हो रही है।
100 से अधिक वेंटिलेटर और आईसीयू बेड तैयार हैं। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के मुताबिक कोरोना की तीसरी लहर के लिए जिन अस्पतालों को कोरोना मरीजों के लिए चिन्हित किया गया था उनमें संसाधन अभी पुख्ता हैं। उन्हें सामान्य अस्पतालों में तब्दील नहीं किया गया है। लिहाजा संक्रमितों के भर्ती और जरूरी दवाओं के पुख्ता इंतजाम कर लिए गए हैं। सीएमओ डॉ. मनोज अग्रवाल ने बताया कि सभी प्राइवेट अस्पतालों में पांच से 10 बेड कोरोना संक्रमितों के लिए आरक्षित करने के निर्देश दिए गए हैं। दूसरी बीमारी के बाद अस्पताल आने वाला कोई मरीज कोरोना की चपेट में आता है तो उसका इलाज बंद न करें। बिना जरूरत कोविड अस्पताल में रेफर भी न करें। अपने यहां आरक्षित कोविड यूनिट में मरीज को भर्ती कर इलाज मुहैया कराएं।