भाई की हत्या कर जमीन में गाड़ दी लाश, 8 महीने बाद पुलिस ने किया पर्दाफाश

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नागपुर. कोराडी थानांतर्गत सुरादेवी परिसर में हत्या की सनसनीखेज वारदात सामने आई. संपत्ति और व्यावसायिक विवाद के चलते छोटे भाई ने नौकर के साथ मिलकर बड़े भाई की हत्या कर दी. उसकी लाश जमीन में गाड़ दी. लंबे समय से लापता व्यक्ति को लेकर परिसर में तरह-तरह की चर्चाएं होने लगीं. मामला पुलिस तक पहुंचा और 8 महीने बाद हत्या की वारदात का पर्दाफाश हुआ. पुलिस ने 2 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया. मृतक सुरादेवी निवासी विलास देवचंद हिंगणकर (45) बताए गए.

आरोपियों में चंदन देवचंद हिंगणकर (38) और मनोहर उर्फ मन्नू दूधबर्वे (48) का समावेश है. हिंगणकर परिवार मूलत: मध्य प्रदेश के सारणी का रहने वाला है. माता-पिता बिजली विभाग में कार्यरत थे. उनके निवृत्त होने के बाद परिवार सुरादेवी आ गया. माता-पिता को सेवानिवृत्ति के दौरान मिली रकम से सुरादेवी परिसर में 4 एकड़ जमीन खरीदी गई. इस जमीन पर सत्यम ब्रिक्स नाम से ऐश ब्रिक्स का कारखाना खोला गया. इसके अलावा रेत का भी व्यवसाय शुरू किया गया. ट्रैक्टर-टिप्पर खरीदे गए.

मनमानी के चलते होते थे विवाद
उम्र में बड़ा होने के कारण विलास हमेशा मनमानी और अपने हिसाब से निर्णय लेते थे. शराब की लत थी, इसीलिए परिवार के सदस्यों से विवाद भी होता था. इसी वजह से विलास की पत्नी मोना 2 बच्चों के साथ घर छोड़कर गणेशपेठ में रहने चली गई. इसके बाद विलास ने चंदन से विवाद शुरू कर दिया. चंदन और नौकर मन्नू के साथ मारपीट करते थे. कोविड काल में व्यवसाय ठप हो गया. चंदन की इच्छा थी कि दोनों भाई कोई और व्यापार करें लेकिन विलास मानने को तैयार नहीं थे. 8 जून 2023 को विलास ने मन्नू के साथ मारपीट की. शाम को चंदन के साथ भी हाथापायी की. दोनों ने शराब पीकर विलास को ही निपटाने का प्लान बनाया. 8 जून की रात कंपनी परिसर में विलास पलंग पर सोए थे. इसी दौरान दोनों ने सत्तूर से वार कर उन्हें मौत के घाट उतार दिया. लाश परिसर में ही छिपा दी.

जेसीबी से खोदा गया गड्ढा
दूसरे दिन सेप्टिक टैंक बनाने के नाम पर पड़ोस के गांव से जेसीबी मशीन लाई. 10 फुट गहरा गड्ढा खोदकर विलास की लाश जमीन में गाड़ दी. मिट्टी और कारखाने का मटेरियल भरकर गड्ढा बुझा दिया गया. इसके बाद चंदन ही मालिक बन गया था. उसने कंपनी के वाहन बेचने शुरू कर दिए. विलास के गायब होने पर अन्य व्यापारी और गांव के लोगों ने पूछताछ की तो चंदन ने गांव में होने की जानकारी दी. लंबे समय से विलास गायब थे और फोन भी तभी से बंद था, इसीलिए 15 दिन से परिसर में चर्चा का दौर शुरू हो गया. पुलिस को भी इसकी जानकारी मिली. डीसीपी निकेतन कदम और एसीपी संतोष खांडेकर के मार्गदर्शन में कोराड़ी पीआई विजय नाईक और उनकी टीम ने जांच-पड़ताल शुरू की. चंदन ने भाई के बारे में कोई भी जानकारी होने से इनकार किया.

पूरे गांव में चल रही थी चर्चा
आखिर विलास की पत्नी मोना से संपर्क किया गया. उन्होंने विवाद के चलते लंबे समय से पति से बातचीत न होने की जानकारी दी. चंदन पर संदेह बढ़ता गया. आखिर पुलिस ने चंदन और मन्नू को हिरासत में लिया. दोनों पुलिस को अलग-अलग जानकारी दे रहे थे. पुलिसिया हथकंडे अपनाने पर चंदन ने भाई की हत्या करने की जानकारी दी. लाश परिसर में ही गाड़ दी है बताया. गुरुवार को पुलिस ने जमीन की खुदाई शुरू की और विलास की लाश मिली. पुलिस ने मोना की शिकायत पर हत्या का मामला दर्ज कर दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया. पुलिस का कहना है कि चंदन को विलास के अड़ियल रवैये को लेकर नाराजी तो थी लेकिन लालच भी आ गया था.

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