भारत में घुसपैठ करने की फिराक में बांग्लादेशी आतंकी, खुफिया रिपोर्ट के बाद अलर्ट मोड पर BS

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नईदिल्ली : बांग्लादेश में हिंसा और सियासी अफरा-तफरी के बीच वहां के आतंकी इस मौके का फायदा उठाना चाहते हैं. खुफिया सूत्रों के मुताबिक बांग्लादेश के रेडिकल ग्रुप भीड़ का सहारा लेकर भारत में घुसपैठ करने की तलाश में हैं. इस तरह की खुफिया रिपोर्ट मिलने के बाद BSF को हाई अलर्ट पर रखा गया है.

दरअसल, बांग्लादेश में इस समय जो हालात हैं, उसे देखते हुए भारत- बांग्लादेश बॉर्डर पर बहुत से बांग्लादेशी नागरिक भारत आने की कोशिश कर रहे हैं. घुसपैठ की इस कोशिश के बीच भीड़ का सहारा लेकर रेडिकल ग्रुप भारत में घुस सकते हैं. इसके चलते BSF को बॉर्डर पर बड़े स्तर पर चौकन्ना किया गया है.

सुरक्षा एजेंसियों ने एक अलर्ट जारी कर कहा है कि बांग्लादेश से प्रतिबंधित इस्लामी आतंकवादी संगठन जमात-उल-मुजाहिदीन बांग्लादेश (JMB) और अंसारूल्लाह बांग्ला टीम(ABT) के आतंकवादी के साथ ही दूसरे अपराधी वहां की जेलों से भाग गए हैं. ये आतंकी घुसपैठ कर सकते हैं, इसलिए अतिरिक्त चौकसी बरती जाए.

बता दें कि शेख हसीना के इस्तीफा देने और भारत आने के बाद नोबेल पुरस्कार विजेता मुहम्मद यूनुस को बांग्लादेश की अंतरिम सरकार का नेतृत्व करने के लिए चुना गया है. बांग्लादेश की अंतरिम सरकार आज (8 अगस्त) शपथ लेने वाली है. यूनुस अंतरिम सरकार का नेतृत्व संभालने के लिए पेरिस से आज ही ढाका लौट रहे हैं.

इसी कड़ी में आशंका जताई जा ही थी कि बड़ी संख्या में बांग्लादेशी नागरिक भारत में घुसपैठ कर सकते हैं। बुधवार को भारत-बांग्लादेश सीमा के माणिकगंज बॉर्डर पर सीमा सुरक्षा बल (BSF) के जवानों ने इसी तरह की एक बड़ी घुसपैठ को नाकाम कर दिया है। बीएसएफ को सूचना मिली थी कि 500 से 600 के करीब बांग्लादेशी नागरिक खेतों के बीच से भारत की ओर आ रहे है।

इस सूचना पर सीमा सुरक्षा बल के अधिकारियों ने तेजी दिखाते हुए कार्रवाई की। जांच के बाद सभी को बांग्लादेशी सीमा सुरक्षा बल के अधिकारियों के साथ बातचीत कर वापस भेज दिया गया। घुसपैठ की इस घटना का एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।

बीएसएफ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि बांग्लादेशी नागरिकों का एक बड़ा समूह आज शाम उत्तर बंगाल के साथ अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर विभिन्न स्थानों पर इकट्ठा हुआ। वे भारतीय क्षेत्र में घुसने की कोशिश कर रहे थे लेकिन बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश, नागरिक प्रशासन और बीएसएफ कर्मियों की मदद से उन्हें तितर-बितर कर दिया गया।

इस बीच, मिजोरम के लॉन्गतलाई जिले में बांग्लादेश और म्यांमार से लगती भारत की सीमा के पास घुसपैठ की आशंका को देखते हुए पाबंदियां लगा दी गयी हैं। अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि बांग्लादेश में मौजूदा अशांति के मद्देनजर ये पाबंदियां लगायी गयी हैं। उन्होंने कहा कि सीमा के तीन किलोमीटर के दायरे में शाम छह बजे से सुबह छह बजे तक लोगों की आवाजाही पर सख्त पाबंदी होगी।

मंगलवार को जारी किये गये सरकारी आदेश में कहा गया, ‘‘इस आदेश का उल्लंघन करने वाले किसी भी व्यक्ति को भारतीय न्याय संहिता 2023 की धारा 223 के तहत कानूनी दंड मिलेगा।’’ उसमें कहा गया कि यह आदेश इसे जारी करने की तारीख से अगले दो महीने तक या अगले आदेश तक प्रभावी रहेगा।

मिजोरम के तीन जिलों – लॉन्गतलाई, ममित और लुंगलेई में 318 किलोमीटर तक भारत की सीमा बांग्लादेश से सटी है। लॉन्गतलाई बांग्लादेश में अशांति के मद्देनजर निषेधाज्ञा जारी करने वाला पहला जिला है। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि वैसे अबतक पड़ोसी देश से अवैध प्रवासन की कोई रिपोर्ट नहीं है। उन्होंने कहा कि मिजोरम पुलिस किसी भी अवैध प्रवासन को रोकने के लिए भारत-बांग्लादेश सीमा की सुरक्षा करने वाले सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के साथ मिलकर काम कर रही है।

उधर, ओडिशा में भी बांग्लादेशी घुसपैठ पर सतर्कता बरती जा रही है। केंद्रपाड़ा जिले के पुलिस अधीक्षक सिद्धार्थ कटारिया ने बुधवार को जिले के सभी तीन समुद्री थानों को समुद्री मार्ग के माध्यम से भितरकनिका राष्ट्रीय उद्यान में बंगलादेशी प्रवासियों के संभावित पलायन को रोकने के लिए सतर्क रहने के लिए कहा है। ओडिशा के पास देश की सबसे बड़ी तटरेखा में से एक है, जो बंगाल की खाड़ी के साथ 480 किमी तक फैली हुई है। इससे पहले 26/11 के आतंकवादी हमले के बाद समुद्री थानों की स्थापना के बावजूद ओडिशा तट पूर्ण रूप से संरक्षित नहीं है।

अतीत में ऐसे कई उदाहरण सामने आ चुके हैं जब म्यांमार, थाईलैंड और प्रायः बंगलादेश से मछली पकड़ने वाले जहाजों को वन अधिकारियों या तटरक्षक बलों द्वारा जब्त किया जा चुका है। बंगलादेश में अशांति को ध्यान में रखते हुए, बंगलादेश से भारत में पलायन होने की आशंका है, विशेष रूप से समुद्री रास्तों से।

देश में चल रही राजनीतिक अशांति और विरोध प्रदर्शनों के बीच प्रधानमंत्री शेख हसीना के इस्तीफे के बाद अंतरिम सरकार का गठन किया जा रहा है. ग्रामीण बैंक के संस्थापक और मशहूर सोशल एक्टिविस्ट यूनुस अंतरिम सरकार का नेतृत्व करेंगे. विशेष रूप से, बांग्लादेश की एक अदालत ने कार्यभार संभालने से ठीक एक दिन पहले श्रम कानून उल्लंघन मामले में यूनुस की पिछली सजा को भी पलट दिया है.

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