BSE बना दुनिया का सबसे महंगा एक्सचेंज स्टॉक, MCX और लंदन स्टॉक एक्सचेंज भी रह गए पीछे

0 198

एशिया का सबसे पुराना स्टॉक एक्सचेंज BSE (Bombay Stock Exchange), दुनिया के अन्य सभी इक्विटी एक्सचेंजेस को पछाड़कर वैश्विक स्तर पर सबसे महंगा स्टॉक बन गया है। ट्रांजेक्शन चार्जेस में रिवीजन के कारण पिछले छह महीनों में इसमें 262% की तेजी आई है। इससे एक्सचेंज का प्राइस टू अर्निंग्स (पी/ई) रेशियो उसकी एक साल की आगे की कमाई का 48.31 गुना हो गया है। ब्लूमबर्ग डेटा के मुताबिक, इसकी तुलना में एमसीएक्स के लिए पीई रेशियो 44.2 गुना, जापान एक्सचेंज के लिए 27.8 गुना और लंदन स्टॉक एक्सचेंज के लिए 22.9 गुना है।

जहां जापान एक्सचेंज ग्रुप का स्टॉक पिछले छह महीनों में लगभग 38% बढ़ा है, वहीं जर्मनी के डॉयचे बोर्से में इसी अवधि के दौरान 17% की गिरावट देखी गई। हांगकांग एक्सचेंज, नैस्डैक और यूरोनेक्स्ट जैसे अन्य स्टॉक एक्सचेंजों ने भी पिछले छह महीनों में 11% से 14% तक की गिरावट दर्ज की है।BSE द्वारा 1 नवंबर से इक्विटी डेरिवेटिव सेगमेंट में ट्रांजेक्शन चार्जेस में वृद्धि की घोषणा के बाद से बीएसई के शेयरों में मजबूती आ रही है। चार्जेस में बदलाव मुख्य रूप से एसएंडपी बीएसई सेंसेक्स ऑप्शंस, विशेष रूप से निकटतम या इमीडिएट एक्सपायरी कॉन्ट्रैक्ट्स के मामले में किया गया है।

जहां तक वॉल्यूम का सवाल है, BSE का देश के ऑप्शन टर्नओवर में 10% (प्रीमियम टर्नओवर का 3.6%) योगदान है। बैंकेक्स वॉल्यूम में सुधार के साथ इसके बढ़ने की संभावना है, जो वर्तमान में सेंसेक्स वॉल्यूम के एक प्रतिशत से भी कम को रिप्रेजेंट करता है। ब्लूमबर्ग कनसेंसस एस्टिमेट्स के अनुसार, BSE को वित्त वर्ष 2023-24 में 567 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ दर्ज करने की उम्मीद है, जबकि पिछले साल का शुद्ध लाभ 221 करोड़ रुपये था। दिलचस्प बात यह है कि 2020 और 2021 को छोड़कर, BSE का स्टॉक 2017 में सूचीबद्ध होने के बाद से हर साल लाल निशान में समाप्त हुआ था।

नोट: अगर आपको यह खबर पसंद आई तो इसे शेयर करना न भूलें, देश-विदेश से जुड़ी ताजा अपडेट पाने के लिए कृपया Vnation के Facebook पेज को LikeTwitter पर Follow करना न भूलें...
Leave A Reply

Your email address will not be published.