लखनऊ : बसपा सुप्रीमो मायावती ने बुलाई बैठक में निर्देश दिया है कि इस बार उपचुनाव मजबूती के साथ लड़ा जाएगा। यहां बता दें कि बसपा अमूमन उपचुनावों से दूरी बनाकर रहती है, लेकिन अब उसने भी उपचुनावों में उम्मीदवारों को उतारे का फैसला किया है। बसपा सुप्रीमो ने चंद्रशेखर आजाद को भाजपा, कांग्रेस और सपा का एजेंट बताया है।
बसपा सुप्रीमो मायावती के आकाश आनंद को दोबारा उनकी जिम्मेदारी सौंपने के बाद क्या रहेगी उनकी रणनीति, इसकी जानकारी बसपा नेता सरवर मलिक ने दी. उन्होंने बताया कि बहन जी का कहना है कि हम सभी को किसी से गठबंधन नहीं करना है, बल्कि अकेले लड़ना है. गली-गली जाकर लोगों से बात करनी है. जो भी हमारे वोट कांग्रेसियों को चले गए हैं उन वोट को वापस लेकर आना है
सरवर मलिक ने बताया कि बहन जी का साफ कहना है कि जो भी उपचुनाव होंगे उसमें हम सभी सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़े करेंगे. इसके बाद माना जा रहा है कि बसपा की पूरी तैयारी हो चुकी है और अब उसकी नजर आने वाले उपचुनाव पर है.
बहुजन समाज पार्टी उपचुनाव भी लड़ेगी, इस निर्णय के बाद राष्ट्रीय स्तर के पदाधिकारियों को हाईकमान से निर्देश दिया गया है कि वे उपचुनाव की तैयारियों में जुटें। उत्तर प्रदेश के पदाधिकारियों को भी निर्देश दिया गया है कि लोकसभा चुनाव के बाद रिक्त हुई विधानसभा सीटों पर उपचुनाव के लिए तैयारियां शुरू करें। उम्मीदवारों के चयन के लिए नामों का पैनल अभी से तैयार करने शुरू कर दिए जाएं, जिससे समय रहते अच्छे उम्मीदवार उतारे जा सकें। पार्टी सुप्रीमो मायावती ने कहा कि नगीना लोकसभा सीट पर इन तीनों पार्टियों ने मिलकर कमजोर उम्मीदवार दिए जिससे चंद्रशेखर आजाद चुनाव जीत गया।
मायावती ने सदस्यता शुल्क घटाया
मायावती ने संगठन को मजबूत करने के लिए बसपा सदस्यता शुल्क 200 रुपये से घटाकर 50 रुपये कर दिया है।