Budget 2024: टूट गई अर्धसैनिक बलों के 11 लाख जवानों की उम्मीद, CAPF कैंटीन को नहीं मिल सकी 50 फीसदी GST छूट
नई दिल्ली : अंतरिम बजट में केंद्रीय अर्धसैनिक बलों के 11 लाख जवानों की उम्मीद टूट गई है। वित्त मंत्री की घोषणा में सीएपीएफ कैंटीन के उत्पादों पर 50 फीसदी जीएसटी की घोषणा नहीं की गई। कन्फेडरेशन ऑफ एक्स पैरामिलिट्री फोर्सेस मार्टियरस वेलफेयर एसोसिएशन ने केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से अंतरिम बजट में सीएपीएफ कैंटीन के उत्पादों पर 50 फीसदी जीएसटी की छूट देने की मांग की थी। मौजूदा समय में सीपीसी कैंटीन पर जीएसटी टैक्स के चलते 20 लाख पैरामिलिट्री परिवारों का घरेलू बजट बिगड़ रहा है। एसोसिएशन द्वारा कई वर्षों से यह मांग की जा रही थी कि सीएपीएफ कैंटीन में मिलने वाले उत्पादों पर सेना की कैंटीनों की तर्ज पर जीएसटी में 50 फीसदी की छूट मिले।
एसोसिएशन के पदाधिकारियों का कहना है, सेना की सीएसडी कैंटीन के उत्पादों में जीएसटी की छूट मिलती है। इसी तर्ज पर केंद्रीय अर्धसैनिक बलों की कैंटीन के उत्पादों पर 50 फीसदी छूट देने की मांग की गई थी। सीएपीएफ के परिवारों के लिए 26 सितंबर 2006 को सेंट्रल पुलिस कैंटीन (सीपीसी) की स्थापना की गई थी। इसका मकसद था, जवानों को बाजार भाव से सस्ता घरेलू सामान मुहैया कराना। सीपीसी कैंटीन के अस्तित्व में आने से पहले सुरक्षा बलों की यूनिट द्वारा सेना की सीएसडी कैंटीन से घरेलू उपयोग वाला सामान खरीदा जाता था। देश भर के विभिन्न राज्यों में तकरीबन 119 मास्टर कैंटीन व 1778 सीपीसी कैंटीन हैं। सीपीसी कैंटीन के सामान पर केंद्रीय अर्धसैनिक बल के जवानों को जीएसटी में कोई छूट नहीं मिलती। नतीजा, यहां से मिलने वाली वस्तुओं को अगर थोक भाव में कहीं से खरीदा जाता है, तो कैंटीन और बाजार की दरों में कोई फर्क नहीं रह जाता।
एसोसिएशन के महासचिव रणबीर सिंह के मुताबिक, सीपीसी कैंटीन का नाम बदलकर केंद्रीय पुलिस कल्याण भंडार किया गया है। प्रधानमंत्री मोदी ने 2020 में वोकल फॉर लोकल का नारा दिया था। इसका असर सीपीसी कैंटीन पर देखने को मिला। केंद्रीय गृह मंत्रालय के आदेश पर 1 जून 2020 से केंद्रीय पुलिस कल्याण भंडार कैंटीनों में स्वदेशी वस्तुओं के इस्तेमाल पर जोर दिया गया। जीएसटी के लागू होने से पहले बिहार, छत्तीसगढ़, उत्तराखंड, मणिपुर, मेघालय, हरियाणा, राजस्थान, झारखंड, तमिलनाडु, उड़ीसा व केरल आदि राज्यों द्वारा सीपीसी कैंटीन में मिलने वाली वस्तुओं पर वैल्यू एडेड टैक्स (वैट) की छूट दी गई थी। जीएसटी लागू होने के बाद रिलिफ के तौर पर, बजट में सहयोग करने की बात कही गई थी। इसके बाद कोई राहत नहीं मिली। कैंटीनों के सामान पर जीएसटी लागू हो गया।
कैंटीन के सामान पर जीएसटी छूट न मिलने के कारण लगभग 20 लाख पैरामिलिट्री परिवारों का घरेलू बजट गड़बड़ा गया है। एसपीजी और एनएसजी के साथ राज्यों के लाखों सिविल पुलिस परिवार भी प्रभावित हुए हैं। एसोसिएशन के एक प्रतिनिधिमंडल ने 14 नवंबर 2019 को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से मुलाकात कर उन्हें सीपीसी कैंटीन पर 50 फीसदी जीएसटी छूट देने के लिए ज्ञापन सौंपा गया था। तत्कालीन केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह से सीएसडी कैंटीन की तर्ज पर सीपीसी कैंटीन के उत्पादों पर 50 फीसदी जीएसटी छूट देने के लिए पत्र लिखा था, इसके बाद कोई छूट नहीं मिल सकी।