उरई: उत्तर प्रदेश के जनपद जालौन के कैथेरी गांव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों शुरू हुए बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे की मजबूती की पोल बारिश ने खोल दी। बुधवार से शुरू हुई बारिश गुरूवार को भी जारी रही और इस बारिश ने एक्सप्रेस वे को लेकर शासन प्रशासन की ओर से किये जा रहे सभी दावे ध्वस्त हो गये। प्रधानमंत्री मोदी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और शासन प्रशासन से जुड़े अधिकारियों तथा गणमान्यों की मौजूदगी में 16 जुलाई को इस एक्सप्रेस वे को बुंदेलखंड के विकास का इंजन और भारी भारी उपमाओं से सुशोभित करते हुए आम जन के लिए खोल दिया था। बारिश के कारण बुंदेलखंड की लाइफलाइन उखड़ कर रह गयी कहीं एक्सप्रेस वे पर दो से तीन फुट गहरे गड्ढे बन गये तो कहीं सड़का का बड़ा हिस्सा ही उखड़ गया। सड़के के कहीं दबने और कहीं गहरे गडढ़े बनने से बुधवार की रात कई हादसे हुए।
चित्रकूट से इटावा तक 296 किलोमीटर लंबे इस एक्सप्रेस वे को 14800 करोड़ की लागत से बनाया गया है। जिसको यूपीडा के सीईओ अवनीश अवस्थी ने उच्च क्वालिटी का बताया था, लेकिन इसकी क्वालिटी की पोल जालौन में बुधवार को हुई मूसलाधार बारिश ने खोलकर रख दी है, बारिश के कारण जालौन के छिरिया सलेमपुर से निकले इस एक्सप्रेस वे पर 2 से 3 फुट गहरे गड्ढे हो गए हैं। इन गड्ढों के कारण कई यात्रियों की गाड़ी क्षतिग्रस्त हुई है इसके अलावा कई लोग घायल भी हुए।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 16 जुलाई को उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए कहा था कि 28 माह में इस एक्सप्रेस भी को बनाया गया है और जिसे उच्च क्वालिटी का बनाकर यूपी सरकार ने यह साबित कर दिया है कि कोई भी काम ईमानदारी से किया जाए तो वह है गुणवत्ता परक जरूर होगा लेकिन गुणवत्ता को लेकर किये गये सारे वादे चार से पांच दिन बाद हुई बारिश में बह गये। अब जहां तहां सड़क पर फैले मलबे को जेसीबी की मदद से उठाने का काम किया जा रहा है ताकि राहगीरों को होने वाली परेशानी को खत्म किया जा सके। दूसरी ओर इसको लेकर जिले के उच्चाधिकारी पत्रकारों से मिलने और सवालों से बचते नजर आये।