इस्लामाबाद : पाकिस्तान में हिंदू व्यापारियों और उनके परिवार के सदस्यों के अपहरण के बढ़ते मामलों के विरोध में सिंध प्रांत के शिकारपुर और काशमोर जिलों में कारोबार पूरी तरह बंद रहा। मुस्लिम व्यापारियों ने भी अपने हिंदू समकक्षों के साथ एकजुटता दिखाने के लिए बंद मनाया।
पाकिस्तान में हिंदू व्यापारियों और उनके परिवार के सदस्यों के अपहरण के बढ़ते मामलों के विरोध में मंगलवार को भी सिंध प्रांत के शिकारपुर और काश्मोर जिलों में कारोबार पूरी तरह से बंद रहा। मुस्लिम व्यापारियों ने भी अपने हिंदू व्यापारियों के साथ एकजुटता दिखाने के लिए अपने कारोबार बंद रखे। इस बीच, समुदाय के साथ हो रही वारदातों के खिलाफ सोमवार से शुरू प्रदर्शन मंगलवार को भी जारी रहे।
अपहरण और अपराधियों को गिरफ्तार करने में कानून प्रवर्तन एजेंसियों की विफलता की निंदा करने के लिए काशमोर में हिंदू और मुस्लिम व्यापारियों द्वारा एक बड़ी विरोध रैली भी निकाली गई। हाल ही में 65 वर्षीय जगदीश कुमार खींची और 25 वर्षीय सागर कुमार पुत्र इंदर लाल के वीडियो उनके परिवार के सदस्यों को मिले। दोनों वीडियो में, पीड़ितों को उनके सिर पर हमला करने वाले हथियारों से पीटा जा रहा था। डाकुओं ने उनकी रिहाई के लिए 10 करोड़ पाकिस्तानी रुपयों की मांग की थी। काशमोर में दबाव बढ़ने पर पुलिस ने तीन अपहृत लोगों की बरामदगी की है।
पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर के रावलकोट जिला स्थित हजीरा क्षेत्र में सैकड़ों लोग बढ़े हुए बिजली बिलों के खिलाफ सड़कों पर उतर आए हैं। उन्होंने सरकार के खिलाफ बड़े पैमाने पर प्रदर्शन किया तथा अन्यायपूर्ण कर वृद्धि, बिजली कटौती के बावजूद बिलों में अभूतपूर्व वृद्धि और क्षेत्र में आवश्यक सेवाओं के राज्य-निर्मित संकट के खिलाफ निराशा व्यक्त की। प्रदर्शनकारियों के पूर्ण बंद के चलते क्षेत्र ठप हो गया। इसी तरह के विरोध प्रदर्शनों ने पीओके और गिलगित बाल्टिस्तान के लगभग पूरे क्षेत्रों को अपनी चपेट में ले लिया है।