नई दिल्ली : केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि सीएए कानून कभी वापस नहीं लिया जाएगा। विपक्षी नेताओं द्वारा यह कहे जाने पर कि अगर इंडिया गठबंधन चुनाव जीतती है तो सीएए को रद्द कर दिया जाएगा पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, “उन्हें भी पता है कि इंडी गठबंधन सत्ता में नहीं आने वाला है। सीएए कानून कभी वापस नहीं लिया जाएगा। हमारे देश में भारतीय नागरिकता सुनिश्चित करना हमारा संप्रभु अधिकार है, हम इससे कभी समझौता नहीं करेंगे। विपक्ष के पास कोई और काम नहीं है…उनका इतिहास है कि वे जो कहते हैं वह करते नहीं हैं, प्रधानमंत्री मोदी का इतिहास है कि जो भी भाजपा ने कहा है और नरेंद्र मोदी ने जो कहा है, वह पत्थर की लकीर है। पीएम मोदी की हर गारंटी पूरी होती है।”
‘विपक्ष के पास कोई और काम नहीं है, उन्होंने यहां तक कहा कि सर्जिकल स्ट्राइक और एयर स्ट्राइक में राजनीतिक फायदा है, तो क्या हमें आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई नहीं करनी चाहिए? उन्होंने यह भी कहा कि अनुच्छेद 370 को हटाना भी हमारे राजनीतिक फायदे के लिए था। हम 1950 से कह रहे हैं कि हम अनुच्छेद 370 को हटाएंगे। उनका इतिहास है कि वे जो कहते हैं वह करते नहीं हैं, प्रधानमंत्री मोदी का इतिहास है कि जो भी भाजपा ने कहा है, नरेंद्र मोदी ने जो कहा है, वह पत्थर की लकीर है। पीएम मोदी की हर गारंटी पूरी होती है। क्या सीएए के जरिए नागरिकता पाने वालों की अलग पहचान होगी, इस पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, वे भारत के आम नागरिक की तरह ही भारत के नागरिकों की सूची में समाहित हो जाएंगे। उन्हें भी उतने ही अधिकार होंगे जितने आपके या मेरे पास हैं। वे चुनाव भी लड़ सकते हैं, विधायक, सांसद, मुख्यमंत्री या केंद्र सरकार के मंत्री भी बन सकते हैं।
सीएए को लेकर राहुल गांधी के बयान पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, राहुल गांधी को जनता को बताना चाहिए कि यह(सीएए) देश के खिलाफ क्यों है, जैसे हम समझा रहे हैं कि यह देश के पक्ष में क्यों है। सीएए अधिसूचना को लेकर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बयान पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, वह दिन दूर नहीं, जब भाजपा वहां (पश्चिम बंगाल) सत्ता में आएगी और घुसपैठ रोकेगी। मैं मानता हूं कि अगर आप(ममता बनर्जी) इतने महत्वपूर्ण राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे के साथ तुष्टिकरण की राजनीति कर घुसपैठ होने देंगे, जो शरणार्थी आए हैं उन्हें नागरिकता देने का विरोध करेंगे तो जनता आपके साथ नहीं रहेगी। ममता बनर्जी को शरणार्थी और घुसपैठ दोनों शब्दों के बीच का अंतर ही नहीं पता है।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के ‘शरणार्थियों को नागरिकता देने से चोरी और बलात्कार बढ़ेंगे’ वाले बयान पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, दिल्ली के मुख्यमंत्री अपने भ्रष्टाचार के उजागर होने से अपना आपा खो बैठे हैं। उन्हें पता नहीं है कि ये लोग भारत में आ चुके हैं और भारत में रह रहे हैं। अगर उन्हें इतनी ही चिंता है तो वे बांग्लादेशी घुसपैठियों की बात नहीं करते या रोहिंग्या का विरोध क्यों नहीं करते? वे वोट बैंक की राजनीति कर रहे हैं…वे विभाजन की पृष्ठभूमि भूल गए हैं, उन्हें शरणार्थी परिवारों से मिलना चाहिए।
एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी द्वारा सीएए को “एंटी मुस्लिम” कहे जाने पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, क्या तर्क है? मुसलमानों पर इसलिए धार्मिक प्रताड़ना नहीं हो सकती, क्योंकि तीनों देश घोषित इस्लामिक स्टेट हैं…इस कानून में एनआरसी का कोई प्रावधान नहीं है। इस कानून में किसी की नागरिकता छीनने का कोई प्रावधान नहीं है। विदेशी मीडिया द्वारा तीन तलाक, सीएए और अनुच्छेद 370 पर सवाल उठाए जाने पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, विदेशी मीडिया से पूछिए कि क्या उनके देश में तीन तलाक, मुस्लिम पर्सनल लॉ, अनुच्छेद 370 जैसे प्रावधान हैं।
केरल, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल द्वारा कहे जाने पर कि वे अपने राज्यों में सीएए लागू नहीं करेंगे के सवाल पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, हमारे संविधान के अनुच्छेद 11 में संसद ने नागरिकता के बारे में कानून बनाने का अधिकार सिर्फ और सिर्फ भारत की संसद को दिया है। यह केंद्र का विषय है, केंद्र और राज्यों का साझा विषय नहीं है…मुझे लगता है चुनाव के बाद सभी सहयोग करेंगे। वे तुष्टिकरण की राजनीति के लिए गलत प्रचार कर रहे हैं।
‘क्या सीएए आदिवासी क्षेत्रों की संरचना को बदलेगा’ सवाल पूछे जाने पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, जरा भी नहीं। सीएए आदिवासी क्षेत्रों की संरचना और अधिकारों को कमजोर नहीं करेगा या बदलेगा नहीं। हमने अधिनियम में ही प्रावधान किए हैं कि जहां भी इनर लाइन परमिट है और जो भी क्षेत्र 6वीं अनुसूची क्षेत्रों में शामिल हैं, वहां सीएए लागू नहीं होगा। उन क्षेत्रों के पते वाले आवेदन ऐप पर अपलोड नहीं होगा। हमने इसे ऐप से निकाल दिया है।
असम में सीएए के कार्यान्वयन और सीएए और एनआरसी के संबंध पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, एमआरसी का सीएए से कोई लेना-देना नहीं है। असम नहीं बल्कि देश के हर हिस्से में सीएए लागू होगा, सिर्फ नॉर्थ ईस्ट के वह राज्य जहां दो तरह के विशेष अधिकार दिए गए हैं, सिर्फ उन्हीं इलाकों में सीएए लागू नहीं होगा। इसमें वे क्षेत्र शामिल हैं जहां इनर लाइन परमिट (आईएलपी) का प्रावधान है और वे क्षेत्र जिन्हें संविधान की 6वीं अनुसूची के तहत विशेष दर्जा दिया गया है।
सीएए के बाद नागरिकता पाने वाले लोगों की संख्या के बारे में पूछे जाने पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह कहते हैं, बहुत सारे लोग हैं, अभी तक कोई गिनती नहीं है। जो दुष्प्रचार चल रहा है, उसके कारण कई लोग आवेदन करने में भी संकोच करेंगे। मैं यहां आवेदन करने वाले सभी लोगों को आश्वस्त करना चाहता हूं कि नरेंद्र मोदी सरकार पर भरोसा रखिए आपको पूर्वव्यापी प्रभाव से नागरिकता दी जाएगी। यह कानून आपको शरणार्थी के रूप में स्वीकार कर रहा है। यदि आपने अवैध रूप से भारत में प्रवेश किया है, तो आपके खिलाफ कोई आपराधिक मामला नहीं होगा…किसी को डरने की जरूरत नहीं है। सभी को समान अधिकार दिए जाएंगे, क्योंकि वे भारत के नागरिक बन जाएंगे।