तिरुवनंतपुरम: कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (सीएआईटी) ने केंद्र सरकार से देश में चीनी सीसीटीवी कैमरों पर प्रतिबंध लगाने का आग्रह किया है और आरोप लगाया कि इससे राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा उत्पन्न हो सकता है। सीएआईटी के राष्ट्रीय सचिव एसएस मनोज ने रविवार को यहां एक प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए कहा कि डेटा संरक्षण कानून या निगरानी तंत्र के अभाव में ऐसे सीसीटीवी उपकरण किसी के डाटा की जानकारी दुनिया में कहीं भी आसानी से भेज सकते हैं।
उन्होंने कहा कि यह गौर करने योग्य है कि सीसीटीवी नेटवर्क में इंटरनेट प्रोटोकॉल (आईपी) कैमरों का उपयोग होता है और सीसीटीवी के इंटरनेट द्वारा संचालित डिजिटल वीडियो रिकॉर्डिंग (डीवीआर) को कभी भी अपने मन मुताबिक किसी भी स्तर पर परिवर्तित किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि इसलिए केंद्र सरकार को चीनी सीसीटीवी के उपयोग पर प्रतिबंध लगाना चाहिए जैसा कि इससे पहले चीनी एप पर प्रतिबंध लगाया गया था।
उन्होंने कहा कि ऐसा माना जाता है कि चीन सरकार द्वारा नियंत्रित या आंशिक स्वामित्व वाले चीनी सीसीटीवी कैमरों का भारत में बहुत बड़े स्तर में उपयोग किया जा रहा है, जबकि अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और ब्रिटेन जैसे देशों ने राष्ट्रीय सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए चीनी सीसीटीवी के उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया है।
सीएआईटी के राष्ट्रीय सचिव यह भी कहा कि सीएआईटी ने अपनी एक राष्ट्रीय बैठक में इस विषय पर केंद्रीय सूचना एवं प्रौद्याेगिकी मंत्री को एक ज्ञापन सौंपा है जिसमें चीनी सीसीटीवी के उपयोग पर चिंता व्यक्त की गई है और भारत में इसपर तत्काल प्रतिबंध लगाने का आग्रह किया गया है। उन्होंने केंद्र सरकार से देश में सीसीटीवी के निर्माण को प्रोत्साहित करने और डेटा सुरक्षा के लिए डेटा संरक्षण अधिनियम लाने का आग्रह किया। श्री मनोज ने कहा कि बैठक में देश में छोटे व्यापारियों के हितों की रक्षा करने के लिए एक राष्ट्रीय खुदरा व्यापार नीति बनाने की भी मांग की गई।