नई दिल्ली : खालिस्तानी आतंकवादी की मौत के आरोपों के बाद कनाडा (Canada) लगातार भारत (India) के साथ रिश्ते बेहतर करने की कोशिश करता नजर आ रहा है। बावजूद इसके शुक्रवार से भारत (India) में शुरू हो रहे दो दिवसीय G-20 संसदीय अध्यक्षों के शिखर सम्मेलन से कनाडा ने दूरी बनाने का फैसला किया है। हालांकि, इसकी वजह अब तक साफतौर पर नहीं बताई है। खास बात है कि कनाडा ने पहले सम्मेलन में शामिल होने की पुष्टि की थी।
कनाडा की स्पीकर रेमंड गैग्ने सम्मेलन में शामिल नहीं होने वाली हैं। गुरुवार को विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने सम्मेलन पर बात की। उन्होंने बताया कि भारत ने सभी G-20 सदस्यों और मेहमान देशों को बुलाया है। उन्होंने कहा कि सभी देश शामिल होने के लेकर अपने स्तर पर फैसला लेने के लिए स्वतंत्र हैं।
गैग्ने ने पूर्व में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला की अध्यक्षता में संसद-20 की बैठक में अपनी उपस्थिति की पुष्टि की थी। संसदीय सूत्रों ने बताया, ‘कनाडा की स्पीकर शिखर सम्मेलन में भाग नहीं ले रही हैं। कार्यक्रम में बदलाव हुआ है।’ इससे पहले, बिरला ने कहा था कि वह कनाडा की सीनेट की स्पीकर के साथ अपनी अनौपचारिक बातचीत में ‘कई मुद्दे’ उठाएंगे।
कनाडा की स्पीकर के पी20 शिखर सम्मेलन में शामिल नहीं होने के बारे में पूछे जाने पर बागची ने संवाददाताओं से कहा, ‘हमने जी20 के सभी सदस्यों को पी20 के लिए आमंत्रित किया। भागीदारी करना उनका निर्णय है। यह कई कारकों पर निर्भर करता है, आपको उनसे पूछना चाहिए।’
खबर है कि इस चर्चा में अमेरिका भी शामिल नहीं हो रहा है। दरअसल, US ने अपने पिछले स्पीकर केविन मैकार्थी को पद से हटा दिया था और नए स्पीकर की नियुक्ति बाकी है। इधर, न्यूजीलैंड को न्योता नहीं भेजा गया है। एक मीडिया रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि जर्मनी और अर्जेंटीना भी सम्मेलन में शामिल नहीं हो रहे हैं।