नई दिल्ली : ड्राई फ्रूट्स सभी को पसंद होते हैं, इसमें भी सबसे ज्यादा पसंद किया जाने वाला सूखा मेवा है काजू। काजू (Cashew) पोषक तत्वों से भरपूर होता है। इसका उपयोग मिठाइयों, मीठे पकवानों में तो किया ही जाता है वहीं, इसकी सब्जी भी बड़े चाव से खाई जाती है। पुलाव में काजू डालने से स्वाद ही लाजवाब हो जाता है। टेस्टी होने के साथ ही काजू शरीर के लिए बेहद फायदेमंद है। विशेष तौर पर काजू का इस्तेमाल हमारे दिल की सेहत को बेहतर बनाए रखने मददगार होता है। काजू के सेवन से बॉडी मेटाबॉलिज्म सही रहता है। काजू में मोनोअनसैचुरेटेड और पॉलीअनसैचुरेटेड वसा होती हैं, जो स्वस्थ आहार वसा के अच्छा स्रोत हैं। ये वसा एलडीएल कोलेस्ट्रॉल (खराब कोलेस्ट्रॉल) को कम करने में मदद करता है, जिसके बढ़ने पर दिल से जुड़े रोग हो सकते हैं।
काजू में मैग्नीशियम, कॉपर, मैंगनीज, जिंक, पोटेशियम, सेलेनियम जैसे मिनरल्स होते हैं, जो सेहत बनाए रखते हैं। काजू में कोलेस्ट्रॉल का लेवल बहुत ही कम होता है। इसमें पाया जाने वाला एंटी-ऑक्सीडेंट्स इतना पावरफुल होता है कि दिल की बीमारियों से आपको दूर रखता है।
काजू में मौजूद ओलिक एसिड दिल की बीमारियों के जोखिम को काफी हद तक कम करने में सहायक होता है। काजू असंतृप्त वसा एचडीएल कोलेस्ट्रॉल के स्तर यानी की अच्छे कोलेस्ट्रॉल के स्तर में इजाफा करता है। वहीं, ट्राइग्लिसराइड लेवल और ब्लड प्रेशर को कम करने में बहुत कारगर होता है।
काजू की लो ब्लड प्रेशर कैपेसिटी इसके हाई पोटेशियम और लो सोडियम कंटेंट की वजह से होती है, जो बीपी कंट्रोल करता है। यह हाई ब्लड प्रेशर, दिल के दौरे और स्ट्रोक के खतरे को कम करने में सहायक है।
जो लोग माइग्रेन और सिरदर्द की बीमारी से पीड़ित हैं उन्हें काजू नहीं खाना चाहिए। ज्यादा काजू खाने से हाई ब्लडप्रेशर की शिकायत होती है। काजू में पोटैशियम और सोडियम की मात्रा काफी अधिक होती है। इसलिए हद से ज्यादा खाने से दिल का दौरा, कमजोरी जैसी दिक्कत पैदा हो सकती है। इसमें फाइबर भी भरपूर मात्रा में होता है जिसके कारण गैस की समस्या हो सकती है।