नई दिल्ली : धनतेरस (Dhanteras) इस साल 10 नवंबर को है। दीपावली (Diwali) से पहले धनतेरस को खरीदारी के लिहाज से बेहद अहम माना जाता है। इस दिन दिल्ली सहित देशभर के व्यापारियों के लिए सामान की बिक्री का एक बड़ा दिन है। देशभर के व्यापारियों ने धनतेरस की तैयारियां जोर-शोर से की हैं। कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीण खंडेलवाल ने गुरुवार को बताया कि धनतेरस के मौके पर आज और कल दो दिनों के अंदर देशभर में करीब 50 हजार करोड़ रुपये के रिटेल व्यापार का अनुमान है। दूसरी ओर इस बार दीपावली पर ‘वोकल फॉर लोकल’ का असर पूरी तरह से बाजारों में दिख रहा है।
खंडेलवाल ने एक बयान में कहा कि इस बार ज्यादातर लोग भारत में बने हुए सामान की खरीदारी करना पसंद कर रहे हैं। एक अनुमान के अनुसार दीपावली से जुड़े चीनी सामानों की बिक्री अब न होने से चीन को लगभग एक लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। उन्होंने कहा कि धनतेरस के दिन नई चीजों को खरीदना शुभ माना जाता है। धनतेरस के दिन खासतौर पर सोने-चांदी के आभूषण और अन्य सामान, बर्तन, रसोई का सामान, वाहन, कपड़े, इलेक्ट्रॉनिक्स, बिजली का सामान एवं उपकरण, मोबाइल, बही खाते, फर्नीचर और अकाउंटिंग आदि सामान खरीदे जाते हैं। इस दिन झाड़ू खरीदने का भी चलन है।
ऑल इंडिया ज्वेलर्स एवं गोल्डस्मिथ फेडरेशन (एआईजेजीएफ) के राष्ट्रीय अध्यक्ष पंकज अरोड़ा ने बताया कि देशभर के ज्वेलरी कारोबारियों में कल धनतेरस की बिक्री को लेकर बड़ा उत्साह है। इसके लिए सर्राफा व्यापारियों ने व्यापक स्तर पर तैयारियां की हुई हैं। सोने-चांदी और डायमंड के नए डिजाइन के गहने एवं आभूषण सहित अन्य वस्तुओं का प्रचुर मात्रा में स्टॉक रखा है। इसके साथ ही इस वर्ष आर्टिफिशियल ज्वेलरी की भी बड़ी मांग बाजारों में दिखाई दे रही है।
कैट के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष विपिन आहूजा एवं प्रदेश महामंत्री देव राज बवेजा ने बताया की राजधानी दिल्ली में कल धनतेरस के दिन चांदनी चौक, दरीबा कलां, मालीवाड़ा, सदर बाज़ार, कमला नगर, अशोक विहार, मॉडल टाउन, शालीमार बाग, पीतमपुरा, रोहिणी, राजौरी गार्डन, द्वारका, जानकपुरी, साउथ एक्सटेंशन, ग्रेटर कैलाश, ग्रीन पार्क, यूसुफ़ सराय, लाजपत नगर, कालकाजी, प्रीत विहार, शाहदरा एवं लक्ष्मी नगर सहित विभिन्न रिटेल बाजारों में सामानों में विशेष रूप से वृद्धि होने की संभावना है।
कैट की वैदिक एवं ज्योतिष कमेटी के संयोजक तथा प्रख्यात वेद मर्मज्ञ उज्जैन के आचार्य दुर्गेश तारे ने बताया कि भगवान धन्वंतरि का प्रदुर्भाव भी धनतेरस के ही दिन हुआ था। भगवान धन्वंतरि भगवान विष्णु के अवतार हैं तथा औषधि के देवता भी हैं। इस लिहाज से कल देशभर में भगवान धन्वंतरि की भी पूजा की जाएगी। इनका प्रिय धातु पीतल माना जाता है। इसीलिए धनतेरस को पीतल आदि के बर्तन खरीदने को भी शुभ माना गया है। धनतेरस के दिन बर्तनों एवं खाना बनाने वाले सामानों की बिक्री बड़े पैमाने पर होती है। देशभर में लोगों के अलावा कैटरिंग व्यवसाय से जुड़े लोग, स्थानीय हलवाई, कान्ट्रैक्ट पर काम करने वाले रसोइए, होटल एवं रेस्टोरेंट व्यवसाय के लोग धनतेरस पर विशेष रूप से बर्तन आदि अवश्य ही ख़रीदते हैं।