वाशिंगटन : भूमध्यसागर के तट स्थित द्वीप देश साइप्रस (Cyprus) में कोविड वायरस के ने स्वरुप से बिल्लियों की लगातार मौत हो रही है! ‘बिल्लियों का द्वीप’ (island of cats) कहे जाने वाला ये देश अब ‘ मरे हुए बिल्लियों का द्वीप’ बनते जा रहा है. इनके मौत के लिए जिम्मेदार है कोविड वायरस का नया स्वरुप फेलिन संक्रामक पेरिटोनिटिस (FIP)! अब तक इस बीमारी की वजह से बहुत ज्यादा बिल्लियां मर चुकी हैं।
कर्नेल यूनिवर्सिटी ने बताया कि यह बिल्लियों में होने वाली एक वायरल बीमारी है, जो कोरोना के नए स्ट्रेन फेलिन से फैलता है. कोरोना के नए फेलिन स्ट्रेन को फ़ेलिन एंटरिक कोरोनावायरस (FeCV) से जाना जाता है। बताया जा रहा है FeCV से संक्रमित 10% बिल्लियों में ये रोग ठीक होने के बाद दोबारा से हो सकता है और इनके पूरे शरीर में फ़ैल सकता है. ये वायरस बिल्लियों के किडनी, पेट और मस्तिष्क में सूजन प्रक्रिया को ट्रिगर करता है. वैज्ञानिकों का मानना है कि जब एफआईपी बिल्लियों में विकसित हो जाता है तो ये काफी घातक हो जाता है।
जैसा कि हमने देखा कि चमगादड़ों से से पनपा कोविड-19 का वायरस कैसे सभी रुकावटों को पार करते हुए इंसानों में फैला था तो एक बार के लिए चिंता तो ये एफआईपी वायरस पैदा कर सकता है. पिछले साल डब्लूएचओ ने अपने एक एडवाइजरी में बताया था कि लगातार जलवायु परिवर्तन से बदलते मौसम ने जानवर, इंसान और यहां तक कि वायरस और रोगजनक का भी व्यवहार बदल रहा है. तर्राष्ट्रीय स्वास्थ्य एजेंसी के आपातकालीन निदेशक माइक रयान ने हालांकि चेताया है कि जानवरों में होने वाली बीमारियां इंसानों को भी प्रभावित कर सकती हैं।
लेकिन उनसे ये पूछने पर कि क्या बिल्लियों में फ़ैल रहे ये फेलिन संक्रामक पेरिटोनिटिस का इंसानों में संक्रमण का खतरा है? तो उन्होंने उत्तर दिया.. शुक्र है नहीं! वहीं, कॉर्नेल के फ़ेलिन हेल्थ सेंटर ने बताया, ‘हमारी जानकारी के अनुसार, कोरोना वायरस संक्रमित बिल्लियों से मनुष्यों में नहीं फैल सकता है।
इस नए संकट के इलाज के बारे में बात करते हुए कि क्या इस संकट का कोई परमानेंट इलाज ढूंढा गया है? इसपर बताया गया अभी तो नहीं, लेकिन इससे बचाव को दो रास्ते हैं। मोलनुपिरवीर, एक एंटी-कोविड गोली, लेकिन बारे में अधिकारियों का कहना है कि इसे साइप्रस में जानवरों पर उपयोग के लिए अधिकृत नहीं किया जा सकता है. वहीं, दूसरा विकल्प जीएस-441524 है, जो कि कोविड-19 उपचार रेमडेसिविर के समान एक एंटीवायरल टैबलेट है, जो ब्रिटेन में जानवरों के उपयोग के लिए स्वीकृत है, लेकिन इसके महंगे दाम के कारण उपयोग में नहीं लाया जा सकता है। एक जानवर के लिए इसका दाम करीब 3,000 से 7,000 यूरो है. वहीं, ये दवा साइप्रस में उब्लब्ध भी नहीं है. वहीं, जानकारी के अनुसार मोलनुपिरवीर के उपयोग के लिए सरकार से स्वीकृति के लिए कोशिश की जा रही है।
कृषि मंत्रालय ने बताया कि एफआईपी से संक्रमित बिल्लियों की संख्या मात्र 107 है लेकिन जानवरों के वकीलों के अनुसार, इस साल जनवरी से तक़रीबन 30,000 से अधिक बिल्लियों की मौत हुई है। मालूम हो कि इस द्वीपीय देश में आवारा बिल्लियों की संख्या काफी ज्यादा है, इसके वजह से इनके मौत का अकड़ा किसी के पास नहीं होता है।
द्वीप के दक्षिणी भाग में, कैट्स PAWS साइप्रस के प्रमुख और साइप्रस वॉयस फॉर एनिमल्स के उपाध्यक्ष, डिनोस अयियोमामिटिस ने बताया कि, ‘एक तिहाई बिल्लियाँ वायरस की चपेट में आ गई हैं। विशेषज्ञों का अनुमान है कि साइप्रस में बिल्लियों की आबादी दस लाख से अधिक मानव आबादी के बराबर या उससे भी अधिक है।