Cattle Smuggling in Bengal:पश्चिम बगांल में बड़ी मात्रा में हो रही है गाय कि तस्करी , बार्डर से बांग्लादेश भेजी जा रही थी गाय
Cattle Smuggling in Bengal:पश्चिम बगांल में ऐसी हरकतें अक्सर देखनें को मिलती हैं । बगांल के बार्डर से एक गौ तस्करी का मामला सामने आया है । वहां से भारी मात्रा में गायों को बाग्ंलादेश भेजा जा रहा था । यहां से गायों को 30 हजार रु में खरीद कर वहां उन्हें 1.5 लाख रु तक बेचा जाता है । गाय और बछड़ों को कोडनेम से बुलाया जाता है । तस्करी करने वाले गाय के बछड़ो को को पेप्सी बुलाते थे । यहां से उन्हें बेहरमी से ले जाकर बेचा जाता है । जाँच पड़ताल पर पता चला कि गायों को केले के पेड़ से बांध कर उनका सिर पानी के उपर और बाकि शरीर पानी के नीचे होता था । इस तरह उन्हें नदी के दुसरी पार ले जाया जाता था । नदी के पार लोग उन्हें वहां रस्सी खोल कर बांग्लादेश ले जाते है । फिर उन्हें वहां भारी रकम में बेच दिया जाता है । बताया जा रहाव है , कि तस्करी के मास्टरमाइंड का नाम अनुब्रत मडंल है । बीरभूत के अनुब्रत TMC के नेता और मुख्यमंत्री ममता के करीबी है । 11 अगस्त को CBI ने उनको अरेस्ट किया था ।
यंहा पर कई साल से इस तरह कि तस्करी कि बारदात हो रही है । बार्डर पर जब जाँच पड़ताल हुई तो कई जगह टेम्पो में गाय और बछड़े भरे हुए पाये गये । हैरानी कि बात है कि टेम्पो में पुलिस भी थी । जालंगी गांव पद्मा नदी के किनारे बसा हुआ है। पद्मा नदी बांग्लादेश की काफी बड़ी नदी मानी जाती है । नदी कहीं संकरी कहीं चौड़ी है , कहीं नदी का बहाव तेज है तो कहीं धीमा , यही नही भारत में मुर्शिदाबाद में बहती है । जानकारी मिली है कि इस नदी के जरीये कई साल से कैटल तस्करी कि हो रही है । बार्डर पर सिक्योरिटी फोर्स यानी BSF तैनात है । पर ऑब्जर्वेशन पाइंट पर दो ही जवान तैनात है । इन्हें आधा से एक किमी का एरिया संभाला हुआ है । ऐसे में तस्करी या आबरा घटनाएं बार्डर पर होना आम बात है ।
BSF एक इंटेलिजेंस ने एक वीडियो दिखाया , वीडियो में दो बछड़े केले के पेड़ से बांध कर ले जाए जा रहे है । अफसरो ने आगे बताया कि तस्करों की संख्या ज्यादा होती है और जवानों की कम तो ये आसानी से 2 से 3 हजार गाय कि तस्करी कर लें जाते है । गायों को भागते -भागते नदी में कुदा देते थे और फिर नदी में तैरते हुए पार निकल जाते है । उनके पास बम और पिस्टल भी होती है तो ये हमला भी कर देते है । बछड़े कि ज्यादा डिमांड होने के कारण इनको केले के पेड़ से बांध कर नदी से पार कराया जाता है ।
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