नई दिल्ली। दिल्ली की एक अदालत ने सोमवार को सीबीआई को राजद नेता लालू प्रसाद, उनकी पत्नी राबड़ी देवी, उनकी बेटी मीसा भारती, उनके बेटे व बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव और अन्य से जुड़े नौकरी के बदले जमीन लेने के कथित मामले में पूरक आरोपपत्र दाखिल करने के लिए समय दिया। राउज एवेन्यू कोर्ट की विशेष जज गीतांजलि गोयल ने जांच एजेंसी से जल्द से जल्द सप्लीमेंट्री चार्जशीट दाखिल करने को कहा और मामले की अगली सुनवाई 1 जून के लिए सूचीबद्ध कर दी।
सीबीआई के वकील मनु मिश्रा ने पूरक चार्जशीट दायर करने के लिए चार सप्ताह का समय मांगा, अदालत ने सवाल किया कि इसमें समय क्यों लग रहा है। इस पर मिश्रा ने जवाब दिया कि कुछ औपचारिकताओं के चलते समय लग रहा है। कोर्ट ने 15 मार्च को लालू यादव, राबड़ी देवी और भारती को जमानत दी थी। यह मामला 2004 से 2009 तक लालू प्रसाद के रेलमंत्री रहने के दौरान उनके परिवार को दी गई या बेची गई जमीन के बदले में रेलवे में की गई कथित नियुक्तियों से संबंधित है।
सीबीआई ने अपनी पहली चार्जशीट में कहा है कि रेलवे में भर्ती के लिए रेलवे द्वारा स्थापित मानकों और दिशानिर्देशों का उल्लंघन करते हुए अनियमित नियुक्तियां की गई हैं। आरोप लगाया गया है कि उम्मीदवारों ने लालू यादव के परिवार के सदस्यों को बेहद कम कीमत पर यानी बाजार दर के पांचवें हिस्से पर सीधे या अपने करीबी रिश्तेदारों और परिवार के सदस्यों के माध्यम से जमीन दी। सीबीआई ने इस मामले में 10 अक्टूबर, 2022 को राबड़ी देवी और उनकी बेटी सहित 16 लोगों के खिलाफ चार्जशीट दायर की थी और उसके बाद उन पर मुकदमा चलाने की मंजूरी ली गई थी।