नई दिल्ली । केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के सूत्रों ने शनिवार को कहा कि, जम्मू-कश्मीर और मेघालय के पूर्व राज्यपाल सत्य पाल मलिक से उनके इस दावे के संबंध में पूछताछ की गई कि उन्हें जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान दो फाइलों को मंजूरी देने के लिए 300 करोड़ रुपये की पेशकश की गई थी।
एक निजी कंपनी को जम्मू-कश्मीर कर्मचारी स्वास्थ्य देखभाल बीमा योजना का ठेका देने और 2017-18 में 60 करोड़ रुपये जारी करने में कदाचार के मलिक द्वारा लगाए गए आरोपों के बाद सीबीआई ने दो अलग-अलग मामले दर्ज किए थे। दूसरा मामला इस आरोप पर दर्ज किया गया था कि 2019 में नियमों का उल्लंघन करने वाली एक निजी फर्म को किरू हाइड्रो इलेक्ट्रिक पावर प्रोजेक्ट के लिए 2,200 करोड़ रुपये का सिविल वर्क ठेका दिया गया था।
मलिक अगस्त 2018 से अक्टूबर 2019 के बीच जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल थे। इन दोनों मामलों को दर्ज करने के बाद जांच एजेंसी ने पूरी साजिश का पदार्फाश करने के लिए कई टीमों का गठन किया। सीबीआई ने अप्रैल में वरिष्ठ आईएएस अधिकारी नवीन चौधरी के आवास सहित देश भर में 14 ठिकानों पर छापेमारी की थी। जम्मू, श्रीनगर, मुंबई, नोएडा, दिल्ली, त्रिवेंद्रम और दरभंगा में छापेमारी की गई।