कोलकाता । पश्चिम बंगाल में स्कूली शिक्षा के कुछ उप-निरीक्षकों की भूमिका वर्तमान में राज्य में करोड़ों रुपये के शिक्षक भर्ती घोटाले की जांच कर रहे केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की जांच के दायरे में है। 21 नवंबर को निजाम पैलेस स्थित सीबीआई की एंटी-करप्शन विंग के कार्यालय में स्कूली शिक्षा के 15 उप-निरीक्षकों को तलब किया गया है।
सीबीआई सूत्रों ने कहा कि उनके अधिकारी इस गिनती पर जिलेवार ²ष्टिकोण अपना रहे हैं और पहले चरण में सभी 15 उप-निरीक्षकों को तलब किया गया है, जो मुर्शिदाबाद जिले से हैं। अन्य जिलों में ब्लॉक के प्रभारी उप-निरीक्षकों को भी केंद्रीय एजेंसी द्वारा समय-समय पर बुलाया जाएगा।
सीबीआई के एक अधिकारी ने कहा, अब तक हम राज्य की स्कूल शिक्षा प्रणाली में शीर्ष पायदान के मंत्रियों, राजनेताओं और राज्य शिक्षा विभाग के विभिन्न संबद्ध निकायों के शीर्ष अधिकारियों द्वारा भ्रष्टाचार पर ध्यान केंद्रित कर रहे थे। लेकिन निश्चित रूप से इतने बड़े पैमाने पर घोटाला तब तक संभव नहीं हो सकता था, जब तक कि सिस्टम में निचले स्तर के कर्मचारियों की कुछ भागीदारी न हो। अब निचले स्तर पर हो रहे भ्रष्टाचार पर नकेल कसने के लिए हमने उपनिरीक्षकों को तलब कर प्रक्रिया शुरू कर दी है।
हाल ही में, न्यायमूर्ति अभिजीत गंगोपाध्याय, जो दैनिक आधार पर घोटाले की जांच की निगरानी कर रहे हैं, ने मामले में जांच की धीमी गति पर नाराजगी व्यक्त की। हाल ही में, न्यायमूर्ति गंगोपाध्याय ने भी इस उद्देश्य के लिए गठित सीबीआई की विशेष जांच टीम (एसआईटी) का पुनर्गठन और विस्तार किया, जिसमें दो सदस्यों को चार के साथ बदल दिया गया।
वहीं, शुक्रवार को उन्होंने हरियाणा कैडर के 2006 बैच के भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) अधिकारी और वर्तमान में सीबीआई के उप महानिरीक्षक के पद पर चंडीगढ़ में तैनात अश्विन शेणवी को सात दिनों के भीतर एसआईटी का कार्यभार संभालने का आदेश दिया।