अक्सर लोग CBI और CID के काम को लेकर कन्फ्यूज रहते हैं. सरकार के इन दो विभागों का काम अपराध से जुड़े मामलों को सुलझाना है. लेकिन दोनों विभाग एक दूसरे से काफी अलग हैं. सीबीआई यानी सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन और सीआईडी यानी क्राइम इन्वेस्टिगेशन डिपार्टमेंट. आइए जानते हैं दोनों एक-दूसरे से कैसे अलग हैं.
CBI और CID दो अलग-अलग एजेंसियां हैं. दोनों का काम करने का तरीका भी अलग-अलग होता है. CID राज्य सरकार के आदेश पर काम करती है और CBI केंद्र सरकार, उच्च न्यायालय और सर्वोच्च न्यायालय के आदेश पर काम करती है.
सीबीआई की स्थापना 1963 में हुई थी और सीआईडी की स्थापना ब्रिटिश शासनकाल के दौरान 1902 में हुई थी. सीबीआई एक केंद्रीय एजेंसी है और सीआईडी राज्य सरकार की एक जांच एजेंसी है.
सीबीआई भारत सरकार के आदेश पर देश के किसी भी कोने में जांच कर सकती है. हालांकि, कुछ राज्यों में जैसे बंगाल आदि में इसे राज्य सरकार की अनुमति लेनी पड़ती है.
सीबीआई हत्या, घोटालों और भ्रष्टाचार के मामलों की जांच करती है जबकि सीआईडी राज्य सरकार के आदेश पर हत्या, अपहरण, दंगों और चोरी से जुड़े मामलों की जांच करती है.
सीआईडी से किसी भी मामले की जांच हाईकोर्ट के आदेश पर भी राज्य सरकार को करानी पड़ जाती है. वहीं सीबीआई केंद्र सरकार या सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर पूरे देश में जांच कर सकती है.
उम्मीदवार राज्य पुलिस बल के माध्यम से सीआईडी में शामिल हो सकता है, जिसके सेवा रिकॉर्ड के आधार पर उसे संबंधित विभाग में पदोन्नत किया जा सकता है. वह सिविल सेवा परीक्षा या यूपीएससी सीएसई भी उत्तीर्ण कर सकता है.
दूसरी ओर सीबीआई के लिए चयन सिविल सेवा परीक्षा के माध्यम से किया जाता है. सीबीआई में ग्रुप ए ऑफिसर बनने के लिए उम्मीदवार को इसे क्वालिफाई करना होगा और आईपीएस ऑफिसर बनना होगा. एसएससी सीजीएल परीक्षा पास करके उम्मीदवार सीबीआई में सब-इंस्पेक्टर भी बन सकता है.