नई दिल्ली। मनुष्य अपने गुणों से कुशल बनता है। हर व्यक्ति में कई खूबियां होती हैं और कुछ कमियां भी। यह व्यक्ति पर निर्भर करता है कि उसके कौन से गुण कहाँ और किस समय उपयोग किए जाने चाहिए, तभी उन्नति के मार्ग भी खुलेंगे और जीवन में खुशियाँ आएंगी। आचार्य चाणक्य ने कुछ ऐसे गुणों का भी उल्लेख किया है जो हर व्यक्ति में होते हैं, अगर उनका सही तरीके से उपयोग किया जाए तो व्यक्ति के बंद भाग्य के द्वार खुल सकते हैं। आइए जानते हैं कौन से हैं वो गुण।
आवाज़
मानव व्यक्तित्व की पहचान आवाज से होती है। कोई कितना भी अमीर क्यों न हो, वाणी में मिठास न हो तो कोई उसे पसंद नहीं करेगा। वाणी पर संयम रखना बहुत जरूरी है। सही गलत के ज्ञान से बोलने से व्यक्तित्व प्रभावशाली हो जाता है। वाणी में अमृत भी है और विष भी। जैसी बोली लगेगी विकास होगा। वाणी पर नियंत्रण रखने वाला व्यक्ति ऊंचाइयों तक पहुंचता है।
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धैर्य
जीवन के हालात हमेशा एक जैसे नहीं होते। आज का समय अच्छा है तो कल बुरे समय से भी गुजरना पड़ेगा। ऐसे में धैर्य रखना बेहद जरूरी है। बुरे समय में सकारात्मक सोच का निर्माण धैर्य से ही होता है। यह एक प्राकृतिक गुण है, इसे सिखाया नहीं जा सकता। धैर्यवान व्यक्ति कभी भी स्थिति से घबराता नहीं है। यदि आप लक्ष्य प्राप्त करना चाहते हैं तो समय के अनुसार धैर्य रखें तभी आप सफलता के शिखर पर पहुंच पाएंगे।
फेसला
सही समय पर लिया गया सही निर्णय एक पल के लिए दुख दे सकता है, लेकिन यह भविष्य को बेहतर बनाता है। उतार-चढ़ाव भरे जीवन में कई बार ऐसे मौके आते हैं जब व्यक्ति निर्णय लेने में असमर्थ होता है। एक निर्णय जीवन को बना या बिगाड़ सकता है। ऐसे में अपने हित और नुकसान को ध्यान में रखते हुए सोच-समझकर ही कोई फैसला लेना चाहिए।