उर्वरा भूमि और प्राकृतिक संपदा से परिपूर्ण चंदौली में जमकर बरसा निवेश, 23,457 करोड़ से अधिक के निवेश के लिए शामिल होंगे 57 निवेशक

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वाराणसी /चंदौली,17 फरवरीः धान का कटोरा कहे जाने वाले चंदौली में ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के तहत उद्योगपतियों की काफी रुचि दिखाई दी थी। अब इसका परिणाम धरातल पर भी दिखने लगा है। उर्वरा भूमि और प्राकृतिक संपदा से परिपूर्ण चंदौली में 57 निवेशक, 23,457.7 करोड़ के निवेश के लिए ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी (जीबीसी -4.0) में शामिल होंगे। इस निवेश के माध्यम से 29,241 लोगों को रोजगार मिलने का अनुमान है। चंदौली में सबसे अधिक निवेश डिपार्टमेंट ऑफ़ एडिशनल सोर्सेस ऑफ़ एनर्जी में आया है। यह निवेश 15,590 करोड़ का है। एमएसएमई और निर्यात प्रोत्साहन विभाग में सबसे अधिक 19 प्रोजेक्ट में निवेश आया है। यूपी राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण सबसे ज्यादा रोजगार उपलब्ध कराएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 19 फरवरी को लखनऊ में जीबीसी का उद्घाटन करेंगे। इस अवसर पर जनपदों में भी कार्यक्रम होंगे। लखनऊ में 10 करोड़ के ऊपर वाले 15 निवेशक लखनऊ और शेष चंदौली में जिला स्तर पर होने वाले कार्यक्रम में शिरकत करेंगे।

प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र वाराणसी का पड़ोसी जिला चंदौली कभी वाराणसी का हिस्सा हुआ करता था। पूर्व की सरकारों की नीतियों और नक्सल प्रभावित क्षेत्र होने के कारण चंदौली में उद्योग नहीं लग पाए। चंदौली जिले मं। संसाधनों के रहते भी इंडस्ट्री नहीं पहुंच पाई। योगी सरकार ने मूलभूत सुविधाओं के साथ विकास किया और नक्सल समेत बिगड़ी कानून व्यवस्था पर नकेल कसी तो उद्योग के लिए निवेशकों ने रूचि दिखाना शुरू कर दिया। चंदौली के जिलाधिकारी निखिल टी. फुंडे ने बताया कि 23457.7 करोड़ का निवेश निवेश धरातल पर उतर रहा है। जीबीसी 4.0 में 57 निवेशक शामिल होंगे। इसमें 10 करोड़ से अधिक का निवेश करने वाले 15 निवेशक लखनऊ में शामिल होंगे ,बाकी चंदौली में होने वाले कार्यक्रम में शामिल होंगे। पूरे निवेश से चंदौली और आसपास के 29241 लोगों को रोजगार मिलेगा।

जीबीसी 4.0 में शामिल होने वाली सूची

विभाग का नाम—प्रोजेक्ट की संख्या —निवेश (करोड़ में लगभग )–रोजगार

1 -कृषि विभाग –1–1.73 करोड़ —20

2 -पशुपालन विभाग–4—8 करोड़–49

3—सहकारिता विभाग- -2–30.48 करोड़–36

4 -डेयरी विकास विभाग—4–11.64 करोड़ –93

5 -ऊर्जा के अतिरिक्त स्रोत विभाग–4–15590 करोड़–2425

6 -चिकित्सा स्वस्थ विभाग –1–4.75 करोड़–23

7- एमएसएमई और निर्यात प्रोत्साहन विभाग–19 –220.54 करोड़ –1275

8 -हथकरघा और कपड़ा विभाग–3–50.8 करोड़ -140

9 -बागवानी विभाग—5–26.32 करोड़–79

10 – तकनीकी शिक्षा–6 -19.06 करोड़ -124

11 –पर्यटन विभाग–1–10 करोड़ –25

12 – यूपी राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण –7–7484.38 करोड़–23090

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