Chardham Yatra 2022: केदारनाथ यात्रा में 46 दिनों में 175 घोड़ा-खच्चरों की हुई मौत

0 238

रुद्रप्रयाग। केदारनाथ यात्रा में बेजुबान जानवर मरते रहे, लेकिन अपने मालिकों की जेब भर गए। केदारनाथ यात्रा में 46 दिनों में ही घोड़ा-खच्चरों के मालिकों को 56 करोड़ रुपये की आमदनी हो चुकी है। इसके बावजूद इन बेजुबानों की तकलीफ दूर करना वाला कोई नहीं है। जानवरों पर अमानवीय तरीके से यात्रियों और सामान को ढोया जाता है। यही कारण है कि अभी तक 175 जानवरों की मौत हो चुकी है। इस साल गौरीकुंड से केदारनाथ के लिए 8516 घोड़ा-खच्चरों का पंजीकरण हुआ था। बड़ी संख्या में तीर्थयात्री 16 किलोमीटर की इस दुर्गम दूरी को घोड़े और खच्चरों पर बैठकर तय करते हैं। अब तक 2,68,858 यात्री घोड़े-खच्चरों से केदारनाथ पहुंचे और दर्शन कर लौटे। इस दौरान 56 करोड़ का कारोबार हुआ और जिला पंचायत को पंजीकरण शुल्क के रूप में करीब 29 लाख रुपये मिले।

इसके बावजूद इन बेजुबान जानवरों के लिए पैदल मार्ग पर कोई सुविधा नहीं है। मार्ग पर न गर्म पानी की सुविधा है और न कहीं जानवरों के लिए पड़ाव बनाया गया है। घोड़े-खच्चरों से केदारनाथ का एक ही चक्कर लगवाना चाहिए, लेकिन ज्यादा कमाई की होड़ में संचालक दो से तीन चक्कर लगवा रहे थे। साथ ही जानवरों को पर्याप्त खाना और आराम भी नहीं मिल रहा था। यात्रा के पहले ही दिन ही तीन जानवरों की मौत हो गई थी। इसके बाद शुरुआती एक महीने तक रोज जानवरों की मौत के मामले सामने आते रहे। मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डॉ. आशीष रावत ने बताया कि अभी तक 175 घोड़ा-खच्चरों की मौत हो चुकी है। पैदल मार्ग पर दो जानवरों की करंट लगने से भी मौत हुई थी। इसके बाद विभाग ने निगरानी के लिए विशेष जांच टीमें गठित की थीं। इस दौरान 1930 संचालकों और हॉकर के चालान किए गए।

बरसाती सीजन शुरू होने से यात्रा की रफ्तार थमने के साथ 70 फीसदी घोड़ा-खच्चर वापस चले गए हैं। प्रीपेड काउंटर से मिली जानकारी के अनुसार, इन दिनों 3200 घोड़े-खच्चरों का संचालन हो रहा है। मैदानी क्षेत्रों से आए घोड़ा-खच्चर वापस लौट गए हैं। कुछ समय पहले यात्रा में घोड़ा-खच्चरों की मौत पर दिल्ली में भी ये मुद्दा गूंजा था। यात्रा में घोड़ा-खच्चरों की मौत पर पूर्व केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी ने भी चिंता जताई थी। इसके बाद प्रदेश सरकार हरकत में आई और पैदल मार्ग पर निगरानी बढ़ाई गई। साथ ही बीते दिनों विधानसभा सत्र में घोड़े-खच्चरों की मौत पर विपक्ष ने सरकार को आड़े हाथ लिया था। इसके अलावा इस मामले में हाईकोर्ट में भी याचिका दायर हो चुकी है।

पशुपालन मंत्री सौरभ बहुगुणा ने कहा है कि केदारनाथ यात्रा में घोड़े-खच्चरों के संचालन के लिए नई योजना पर कार्य किया जा रहा है। जानवरों के स्वास्थ्य जांच के लिए पहले दिन से टीमें तैनात की जाएंगी। एक दिन में जानवर एक ही चक्कर लगाए, इसके लिए संचालकों से शपथपत्र लिया जाएगा। घोड़े-खच्चरों के लिए पर्याप्त पौष्टिक चारा की व्यवस्था भी की जाएगी।

नोट: अगर आपको यह खबर पसंद आई तो इसे शेयर करना न भूलें, देश-विदेश से जुड़ी ताजा अपडेट पाने के लिए कृपया Vnation के Facebook पेज को LikeTwitter पर Follow करना न भूलें...
Leave A Reply

Your email address will not be published.