मुख्यमंत्री ने की राजस्व विभाग की समीक्षा, कहा- स्वामित्व अभिलेख के शत-प्रतिशत वितरण के लिए लगाएं शिविर

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देहरादून: मुख्यमंत्री ने राजस्व वादों के प्रभावी अनुश्रवण और निष्पादन के साथ स्वामित्व अभिलेख के शत प्रतिशत वितरण के लिए कैम्प लगाने के निर्देश दिए हैं। साथ ही तहसीलदारों को भी स्थाई निवास प्रमाण पत्र निर्गत करने का अधिकार देने को कहा। गुरुवार को सचिवालय में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राजस्व विभाग की समीक्षा बैठक की। इस दौरान कहा कि सरलीकरण, निस्तारीकरण और समाधान के मंत्र पर काम किया जाए। जनता से जुड़ी प्रक्रियाओं को अधिक से अधिक सरल किया जाए। इस दौरान तहसीलदारों को भी स्थाई निवास प्रमाण पत्र निर्गत करने का अधिकार देने की बात कही।

उन्होंने राजस्व परिषद, कलेक्ट्रेट व कमिश्नर कार्यालय ई-ऑफिस से जोड़ने के साथ ही जिलाधिकारी महीने में चार बार दूरस्थ क्षेत्रों में बहुद्देशीय शिविरों का आयोजन कर स्थानीय लोगों की समस्याओं का निराकरण करने के निर्देश दिए। तहसील दिवसों का नियमित रूप से आयोजन सुनिश्चित किया जाए। स्वैच्छिक चकबंदी के लिए लोगों को प्रेरित किया जाए। दाखिल खारिज के मामलों का समयबद्ध निस्तारण हो।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जिला अभिलेखागारों का आधुनिकीकरण राजस्व पुलिस व्यवस्था का सुदृढ़ीकरण और आधुनिकीकरण किये जाने की आवश्यकता है। राजस्व वादों के प्रभावी अनुश्रवण एवं निष्पादन को सुनिश्चित किया जाए। बैठक में बताया गया कि अपणी सरकार पोर्टल के अंतर्गत राजस्व विभाग की 09 सेवाएं संचालित हैं। जिनमें से 07 सेवायें उमंग एवं एपीआई सेतु एप से इंटिग्रेटेड हैं। सेवा का अधिकार अधिनियम में अधिसूचित 15 अतिरिक्त राजस्व विभाग से सम्बन्धित सेवाओं को ऑनलाइन किया गया है। डीआईएलएमआरपी में भारत सरकार स्तर से प्राप्त स्वीकृति से इतर सम्पूर्ण प्रदेश की भूमि का आधुनिक विधि से सर्वेक्षण कार्य किया जा रहा है। नवीन राजस्व संहिता प्रख्यापित की गई है।

राजस्व विभाग की भविष्य की कार्ययोजना की जानकारी दी गई। बताया गया कि राजस्व विभागान्तर्गत विविध देयों के वसूली देयकों का 100 फीसद कम्प्यूटराइजेशन पूरा करने उपरान्त संग्रह अमीन से शत प्रतिशत वसूली लक्ष्य निर्धारित किया गया है। भूमि अधिग्रहण संबंधी समस्त कार्यवाहियों को पोर्टल पर विकसित करने का लक्ष्य निर्धारित किया जा रहा है।

स्वामित्व योजना का सर्वेक्षण 15 अगस्त 2022 तक पूरा करने का लक्ष्य है। पंचायतीराज विभाग, भारत सरकार की ओर से संचालित 100 प्रतिशत केन्द्र ग्रामीण क्षेत्रों के आबादी वाले क्षेत्रों जिनका कि पूर्व में सर्वेक्षण मापन नहीं हुआ हैं उनका सर्वेक्षण कार्य किया जा रहा है। इस योजना का उद्देश्य मालिकाना हक, बैंकों से आवास निर्माण, पुर्ननिर्माण, गृह निर्माण के लिए बैंक के माध्यम ऋण सुविधा उपलब्ध कराना है।

प्रदेश के कुल 16686 राजस्व ग्रामों के सापेक्ष 14343 राजस्व ग्राम अधिसूचित किए गए हैं। अधिसूचित ग्रामों के सापेक्ष अभिलेखों में दर्ज आबादी वाले 7576 ग्राम ड्रोन सर्वेक्षण के लिए चिन्हित किए गए। 7576 ग्रामों में शतप्रतिशत ड्रोन फ्लाइंग पूरी कर ली गई है। 6591 (87फीसद) ग्रामों में कुल 204212 स्वामित्व अभिलेख तैयार जिसके सापेक्ष 162945 (79.8) प्रतिशत स्वामित्व अभिलेख वितरित किये जा चुके हैं । डिजिटल इण्डिया लैण्ड रिकार्ड मॉर्डनाइजेशन प्रोग्राम भूमि संसाधन विभाग, ग्रामीण विकास मंत्रालय, भारत सरकार की ओर से संचालित 100 फीसद केन्द्र पोषित योजना है। इसमें समस्त जेड.ए. द नॉन जेड ए खतौनियो का कम्प्यूटरीकरण डिजिटाइजेशन पूरा किया जा चुका है।

समस्त 54 सब रजिस्ट्रार कार्यालयों का कम्प्यूटरीकरण कार्य पूर्ण हो चुका है। 77 तहसीलों में मॉडन रिकॉर्ड रूम स्थापित किये गये हैं। समस्त 402 राजस्व न्यायालय पोर्टल पर ऑनलाईन किए जा चुके हैं। 96 फीसद खसरों के लिए यूनिक आईडेंटिफिकेशन पार्सल नम्बर निर्गत किए गए। अल्मोडा व पौड़ी गढ़वाल जिलों के कैडस्ट्रल मैप डिजिटाइज हो चुके हैं जबकि अवशेष 11 जनपदों के कैडस्ट्रल मैप्स डिजिटाइज किये जाने का लक्ष्य सितम्बर 2024 है। इस मौके पर अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, आनंद वर्धन, सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम, शैलेश बगोली, दीपेन्द्र चौधरी, एसएन पांडेय,अपर सचिव ललित मोहन रयाल,आनंद श्रीवास्तव,जगदीश कांडपाल उपस्थित थे।

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