नई दिल्ली: मई 2020 में जब से भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच झड़प हुई है, तब से चीन वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के करीब अपनी भौगोलिक सीमा में हवाई क्षेत्रों का लगातार विस्तार कर रहा है। सैटेलाइट इमेजरी से इसका खुलासा हुआ है। इमेजरी के विश्लेषण के अनुसार, चीन ने LAC पर अपनी सेना के लिए व्यापक सुविधाओं का विस्तार किया है और कुछ क्षेत्रों में भारत से मुकाबला करने की तुलनात्मक क्षमता विकसित कर ली है।
सैटेलाइट इमेजरी से स्पष्ट होता है कि चीन ने LAC के करीब सैनिकों की तीव्र तैनाती के मकसद और युद्ध की स्थिति में लीड लेने के मकसद से वास्तविक नियंत्रण रेखा के नजदीक हवाई क्षेत्रों, हेलीपैड, रेलवे सुविधाओं, मिसाइल बेस, सड़कों और पुलों का बड़े पैमाने पर निर्माण और विस्तार किया है। यह चीन की आक्रामक क्षमताओं के विस्तार की एक श्रृंखला सी है।
प्लैनेट लैब्स द्वारा विशेष रूप से उपलब्ध कराई गई सैटेलाइट इमेजरी के विश्लेषण से पता चलता है कि लद्दाख के करीब होटान, हिमाचल प्रदेश के करीब न्गारी गुनसा और तिब्बत के ल्हासा में चीन ने नए एयरफील्ड के तहत या तो नए रनवे का निर्माण करके सैनिक सुविधाओं का विस्तार किया है, या फिर लड़ाकू विमानों की सुरक्षा के लिए बनाए गए मजबूत आश्रयों और नए सैन्य संचालन भवनों का निर्माण किया है। भारतीय अधिकारियों ने इस विश्लेषण पर कोई टिप्पणी करने से इनकार किया है।