वाशिंगटन: राष्ट्रपति शी जिनपिंग की लीडरशिप में ताइवान पर कब्जा करने के लिए चीन अपनी योजना पर ‘बहुत तेजी से’ आगे बढ़ सकता है. चीन की कम्युनिस्ट पार्टी की कांग्रेस में ताइवान को चीन में मिलाने की जिनपिंग की योजना की घोषणा के बाद अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकेन ने ये टिप्पणी की है. ब्लिंकन का कहना है कि चीन की सरकार शी जिनपिंग के राज में ताइवान को बहुत तेजी से कब्जा करने की अपनी योजना पर चल रही है.
अमेरिकी विदेश मंत्री ने कहा है कि अगर ताइवान पर चीन ने कब्जा कर लिया तो इससे पूरी दुनिया में एक बड़ा आर्थिक संकट पैदा हो सकता है. सोमवार को स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी में पूर्व विदेश मंत्री कोंडोलीजा राइस के साथ बातचीत में ब्लिंकन ने कहा कि चीन और ताइवान के बीच शांति और स्थिरता दशकों से सफलतापूर्वक बनी हुई है.
लेकिन अब बीजिंग ने अपना रवैया बदल दिया है. ब्लिंकन ने कहा कि सकारात्मक ढंग से यथास्थिति को कायम रखने के बजाय बीजिंग ने एक नया फैसला लिया है कि यथास्थिति अब मंजूर नहीं है. इसके साथ ही ताइवान को चीन में मिलाने के लिए बीजिंग तेजी से आगे बढ़ने के लिए दृढ़ है. इसके लिए अगर शांतिपूर्ण साधनों ने काम नहीं किया तो ताकत का इस्तेमाल किया जाएगा. इससे जबरदस्त तनाव पैदा हो रहा है.
गौरतलब है कि अमेरिकी हाउस की स्पीकर नैन्सी पेलोसी के ताइवान दौरे के जवाब में पीएलए ने अगस्त में ताइवान के मुख्य द्वीप के करीब एक बड़ा सैन्य अभ्यास किया. उसके बाद से ताइवान की सीमा के उल्लंघन की घटनाओं में बहुत बढ़ोतरी हुई है. बीजिंग ने साफ कर दिया है कि वह ताइवान पर कब्जा करने का इरादा रखता है.
ऐसे हालात में अब इसकी समय सीमा को लेकर दुनिया भर के डिफेंस एक्सपर्ट अटकलें लगा रहे हैं. फिलहाल चीन के बारे में अमेरिका की खुफिया जानकारी रूस पर उसकी खुफिया जानकारी की तुलना में बहुत कम मानी जाती है. 2010 में चीनी अधिकारियों ने कहा था कि उन्होंने देश के अंदर एक अमेरिकी जासूसी रिंग को नष्ट कर दिया है. तब सीआईए के 20 जासूसों को मार डालने या कैद करने की सूचना मिली थी.