बीजिंग : अंतरिक्ष में चांद को लेकर एक बार फिर से रेस तेज हो गई है। अब चांद पर मानवमिशन भेजने को लेकर चीन एक बहुत ही महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट पर काम कर रहा है। इसके तहत उसकी अगले दो सालों 2025 और 2026 में दो रॉकेट भेजने तैयारी है। इसके लिए चीन जिन रॉकेट को भेजेगा, वे फिर से इस्तेमाल किए जा सकेंगे। चीन की सरकारी कंपनी चाइना एयरोस्पेस साइंस एंड टेक्नोलॉजी कॉर्पोरेशन (सीएएससी) इन रॉकेट को तैयार कर रही है, जो चीन के नए मून मिशन का हिस्सा होंगे।
दरअसल, चीन ने 2030 तक चांद पर अंतरिक्ष यात्रियों को भेजने का लक्ष्य रखा है। स्पेसन्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक इन दोनों रॉकेट को भेजा जाना चीन के लक्ष्य के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण होगा। इन दोनों रॉकेटों की खासियत ये है कि पहले भेजे गए चीन के दूसरे रॉकेटों के विपरीत ये पूरी तरह से पुनः इस्तेमाल किए जाने वाले होंगे। यानी भविष्य के मिशन के लिए उन्हें फिर से बनाने की जरूरत नहीं होगी। इसका मतलब है कि ये न केवल अधिक टिकाऊ होंगे बल्कि लागत में भी प्रभावी होंगे।
सीएएससी की 2025 और 2026 में जिन दो रॉकेट को लॉन्च करने की योजना है, वे 4 और 5 मीटर व्यास के होंगे। चीन ने अभी इन रॉकेट को कोई नाम नहीं दिया है लेकिन स्पेस न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक 5 मीटर व्यास वाला रॉकेट लॉन्ग मार्च 10 की तरह होगा, जो एक सिंगल स्टिक वैरिएंट है, जिसका उपयोग नई पीढ़ी के क्रू अंतरिक्ष यान को पृथ्वी की निचली कक्षा में लॉन्च करने के लिए किया जाएगा। इसके 2025 में उड़ान भरने की संभावना है। ये रॉकेट 2030 से पहले चांद पर अंतरिक्ष यात्रियों के चांद पर भेजने की चीन की योजना की अहम कड़ी है।
लॉन्ग मार्च 10 का मून वैरिएंट 92 मीटर लंबा होगा और 27 टन वजन को चांद की कक्षा में लॉन्च करने में सक्षम होगा। वहीं 4 मीटर व्यास वाली लॉन्चर के बारे में बताया गया है कि ये सीएएससी की शंघाई एकेडमी ऑफ स्पेसफ्लाइट टेक्नोलॉजी के पहले से प्रस्तावित रॉकेट की तरह हो सकता है, जो 6500 किलोग्राम तक के पेलोड को 700 किलोमीटर की कक्षा में लॉन्च करने में सक्षम होगा। ऐसे समय में जब कई चीनी कंपनियां फिर से इस्तेमाल किए जाने वाले रॉकेट विकसित कर रही हैं, राज्य के स्वामित्व वाली सीएएससी का ये नया लॉन्च व्हीकल देश की दूसरी कमर्शियल कंपनियों के साथ प्रतिस्पर्धा करे स्पेस में पहुंचने के लिए चीन की योजना को गति को बढ़ावा देगा।