नई दिल्ली: भारत के पड़ोसी देश चीन में बड़ी खलबली मची हुई है. रक्षा मंत्री ली शांग फू के लापता होने के बाद जिनपिंग सरकार हिल गई है. ली शांग फू के लापता होते ही बड़े पैमाने पर रक्षा मंत्रालय के टॉप अधिकारियों की गिरफ़्तारी की गई है. बताया जा रहा है जिनपिंग को अस्थिर करने की कोशिश हो रही है, इसलिए यह जिनपिंग का अपने विरोधियों को दबाने का प्लान हो सकता है. जानकारी मिली है कि गिरफ्तार किए गए लोगों में रक्षा विभागों के प्रमुख भी शामिल हैं. ये गिरफ्तारियां अनुशासनहीनता के नाम पर हुई हैं.
चाइना नार्थ इंड्रस्ट्रीज कॉर्पोरेशन के चेयरमैन ली शिकवान
चाइना एयरोस्पेस साइंस एंड इंडस्ट्री कॉर्पोरेशन के चेयरमैन युआन जे
चाइना नार्थ इंड्रस्ट्री ग्रुप कॉर्पोरेशन के जनरल मैनेजर चेन गुआओयिंग
चाइना एविएशन इंडस्ट्री कॉर्पोरेशन के चेयरमैन तान रूईसोंग
इस साल ये दूसरी ऐसी घटना है, जब चीन के VVIP गायब हुए हैं. इससे पहले चीन के विदेश मंत्री भी अचानक गायब हो गए थे. जिनपिंग को समझने वाले दावा कर रहे हैं कि इन घटनाओं के पीछे जिनपिंग हैं. चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग अपने करीबियों को ही रास्ते से हटाने के लिए बदनाम हैं. चीन के इस तानाशाह ने अपने कई ऐसे करीबियों को दुनिया की नजरों से ओझल कर दिया जो भविष्य में उनकी सरकार के लिए खतरा बन सकते थे.
29 अगस्त को ली शांग फू आखिरी बार देखे गए. उन्होंने बीजिंग में चीन-अफ्रीका फोरम के मंच से भाषण दिया था. 29 अगस्त की शाम से ली शांग फू के बारे में कोई जानकारी नहीं है. खबर ये भी है कि ली शांग फू पर भ्रष्टाचार के आरोप थे. रक्षा मंत्री बनने से पहले ली शांग फूसैन्य उपकरण विकास विभाग के मंत्री थे. रक्षा मंत्री बनने के बाद विभागीय जांच शुरू हुई. जांच में ली शांग फू को नियम तोड़ने का आरोपी पाया गया. माना जा रहा है कि चीन के रक्षा मंत्री को खास मकसद से गायब कराया गया है.