सिक्किम में बादल फटने से मची तबाही, 22 जवानों समेत 102 से लोग अब भी लापता, 14 मौतें, फंसे 3000 से ज्यादा टूरिस्ट
नई दिल्ली: बीते मंगलवार देर रात सिक्किम (Sikkim) के ल्होनक झील के ऊपर अचानक अचानक बादल फटने (Cloudburst) से इस वक्त यहां भयंकर तबाही मची हुई है। जानकारी दें कि, ल्होनक झील के ऊपर बादल फटने से तीस्ता नदी में भीषण बाढ़ आ गई। वहीं इस बाढ़ में अब तक 14 लोगों की मौत हो गई है। इसके साथ ही 23 जवानों समेत 102 से लोग अब भी लापता हैं। जबकि अब तक 26 के घायल होने की खबर है। वहीं लापता 23 में एक जवान को बचा लिया गया है। लेकिन अभी भी सर्च ऑपरेशन जारी है। मौके पर फिलहाल NDRF की टीम तैनात है।
इस भयंकर बाढ़ के चलते यहां नेशनल हाईवे 10 भी बह गया। वहीं फिलहाल तीस्ता नदी का जलस्तर 15 से 20 फीट बढ़ चूका है। वहीं राज्य में पिछले कुछ दिनों हुई मूसलाधार बारिश के अलावा तीस्ता नदी में जल स्तर बढ़ने से कलिम्पोंग, दार्जिलिंग, अलीपुरद्वार और जलपाईगुड़ी जिलों में कई स्थान वर्षा से प्रभावित हुए हैं। वहीं सिक्किम के हालातों को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्य के मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग से बात भी की है। इसके साथ ही PM मोदी ने मुख्यमंत्री तमांग से हालात की जानकारी लेते हुए उन्होंने राज्य को हर संभव मदद का भरोसा दिया है।
सिक्किम के मौसम को लेकर जानकारी दें कि, सिक्किम में आज भी भारी बारिश का अलर्ट है। इस बाबत मौसम विभाग के अनुमान और रिपोर्ट्स के मुताबिक, सिक्किम में अगले 48 घंटे भारी बारिश की संभावना है। जानकारी दें कि, सिक्किम के अलग-अलग हिस्सों में इस समय 3000 से अधिक टूरिस्ट फंसे हुए हैं। यहां बाढ़ के कारण 14 पुल ढह गए हैं। इनमें 9 पुल BRO के अधीन हैं और 5 राज्य सरकार के हैं। इधर सिक्किम सरकार ने एक अधिसूचना में इसे आपदा घोषित कर दिया है। वहीं सिक्किम और उत्तरी बंगाल में तैनात भारतीय सेना के अन्य सभी जवान सुरक्षित हैं।