चंदौसी : शहर में करीब 15 दिन तक अतिक्रमण पर बुलडोजर चलता रहा। खुद भी लोग नालों के ऊपर या पालिका की जमीन पर किए गए पक्के निर्माण को तोड़ते रहे, लेकिन जैसे ही डिप्टी कलेक्टर विनय मिश्रा का यहां से स्थानांतरण हुआ न सिर्फ बुलडोजर का पंजा रुक गया, बल्कि हथौड़ा और कुदाल भी शांत हो गए। करीब एक सप्ताह से संभल में मस्जिद में सर्वे के दौरान हिंसा होने के कारण अफसर उसमें व्यस्त रहे और अतिक्रमण की जद में आने वाले भी शांत होकर बैठ गए। रविवार की शाम अचानक डीएम व एसपी फव्वारा चौक पर पहुंच गए और उन लोगों को जल्द से जल्द दुकानेंं तोड़ने की हिदायत दी, जिन्होंने तोड़फोड़ के कार्य को रोक दिया था।
नवंबर में जब यह अभियान शुरू हुआ था, तो इसके लिए डिप्टी कलेक्टर विनय मिश्रा को कमान सौंपी गई थी। उस समय हालत यह थी कि जिधर बुलडोजर का रुख हो रहा था उधर लोगों के कलेजे कांप उठते थे। नालों पर किया निर्माण स्वयं ही तुड़वाने में लोग रात दिन जुटे रहे। चंद दिनों में ही डेढ़ सौ से अधिक मकान व दुकानों को तोड़ दिया गया। कुछ लोगों को बड़ी इमारतें होने के कारण स्वयं ही तोड़ने के लिए समय दे दिया गया। इसमें गरीबों से लेकर अमीरों तक छोटी दुकानों से लेकर बड़े प्रतिष्ठान तक किसी को रियायत नहीं दी गई। सुबह आठ बजे से शुरू होने वाली तोड़फोड़ की कार्रवाई देर शाम तक चल रही थी। फव्वारा के आसपास नालों पर बनी बड़ी इमारतों को लेकर लगातार चर्चा होती रही। अभी भी लोग यही कयास लगा रहे हैं, कि इन इमारतों को प्रशासन नहीं तुड़वाएगा।
तमाम तरह के सवाल खड़े हो रहे हैं। अधिकारियों की व्यस्तता के कारण अतिक्रमणकारियों ने भी चुप्पी साध ली थी। अब संभल में शांति व्यवस्था बहाल होने के बाद अफसरों को समय मिला तो शाम को जिलाधिकारी डॉ. राजेंद्र पैंसिया औ पुलिस अधीक्षक कृष्ण कुमार विश्नोई यहां पहुंच गए। कुछ लोगों ने चिह्नित स्थान से कम अतिक्रमण तोड़कर निर्माण शुरू करा दिया था, जिन्हें फिर से तोड़ने के आदेश दिए गए। इसके साथ ही अपनी दुकान को बचाने में शुरू से ही लगे एक मेडिकल मालिक को भी तत्काल दुकान तोड़ने को कहा गया। चेतावनी भी दी गई कि अगर स्वंय अतिकमण में बनी दुकानें व प्रतिष्ठानों को नहीं तोड़ा गया तो बुलडोजर चलवाने के साथ ही जुर्माने की कार्रवाई भी की जाएगी। इस दौरान मौके पर मौजूद पालिकाध्यक्ष के पति को भी शहर में पड़ा मलबा हटवाकर जल्द निर्माण कार्य शुरू कराने को कहा गया।