CM रेखा गुप्ता ने टाइट की अधिकारियों की चूड़ी, कहा- विधायकों व सांसदों का दें तत्काल जवाब…नहीं तो होगा एक्शन
नई दिल्लीः दिल्ली यूटी और केंद्र में दोनों सरकारें भाजपा की हैं। इसके बावजूद भी कुछ अधिकारियों की कार्यशैली पर सवाल उठे हैं। मामले में दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष के बाद मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने अधिकारियों को चूड़ी टाइट कर दी है। दिल्ली सरकार की तरफ से अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए गए हैं कि सांसदों एवं विधायकों के मैसेज का तुरंत जवाब दें।
इतना ही नहीं सीएम गुप्ता ने ऐसा न करने वाले अधिकारियों के खिलाफ एक्शन की चेतावनी दी है। इससे पहले विधानसभा अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता ने इस संबंध में मुख्य सचिव को एक पत्र लिखा था। जिसमें उन्होंने कहा था कि कुछ अधिकारी विधायकों के पत्रों, फोन कॉल और मैसेज का जवाब नहीं दे रहे हैं।
इसमें कहा गया है कि ऐसा कोई मौका नहीं होना चाहिए कि विधायकों या सांसदों को ऐसी शिकायतें करने के लिए बाध्य होना पड़े। इन निर्देशों का पालन नहीं करने पर उचित अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी और संबंधित अधिकारी के मूल्यांकन में यह एक महत्वपूर्ण इनपुट होगा। परिपत्र में प्रशासन, सांसदों और विधायकों के आधिकारिक व्यवहार के बारे में एक मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) भी साझा की गई है, जिसे जीएडी ने 2020 में तैयार किया था।
दिल्ली सरकार ने एसओपी बनाई है, जिसके तहत सासंद या विधायक से प्राप्त संचार पर ध्यान दिया जाना है। इसके अलावा सांसद या विधायक द्वारा मांगी गई सूचना को प्राथमिकता देनी है। जब तक कि वह ऐसी प्रकृति की न हो कि उसे देने से इनकार किया जा सके।इसके अलावा इसमें कहा गया है कि सांसद या विधायक से प्राप्त प्रत्येक संचार की 15 दिनों के भीतर पावती दी जानी चाहिए। उसके बाद अगले 15 दिनों के भीतर उत्तर दिया जाना चाहिए।
बता दें कि इससे पहले दिल्ली सरकार और एलजी में कार्यों के लेकर कई मतभेद थे। इसका कारण दिल्ली और केंद्र में अलग-अलग पार्टियों की सरकार का होना था। हालांकि अब ऐसा नहीं है। ऐसे में अधिकारियों की कार्यशैली पर विधायकों व सांसदों के सवाल कुछ अलग कहानी बयां करते हैं।