सिंगरौली: मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान बुधवार (26 जुलाई) को सिंगरौली जिले के सराई पहुंचे. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सिंगरौली जिले के सरई में आयोजित कार्यक्रम में ₹672 करोड़ से अधिक की लागत की रिहंद माइक्रो सिंचाई परियोजना का शिलान्यास किया. इस योजना के पूर्ण होने पर क्षेत्र के 126 ग्रामों के किसानों की 38 हजार हेक्टेयर भूमि सिंचित हो सकेगी. इस महत्वाकांक्षी घोषणा के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मुख्यमंत्री चरण पादुका योजना चलाने की भी घोषणा कर दी. इस योजना के तहत तेंदूपत्ता संग्राहक भाई बहनों को साड़ी, जूते, पानी की कुप्पी आदि दिए जाएंगे. उन्होंने यह भी कहा कि इतनी बड़ी संख्या में छाते खरीदने में सरकार कठिनाई आ रही थी, इसीलिए ₹200 छाते के लिए अलग दिए जाएंगे.
मुख्यमंत्री ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि सरकार अमीर और गरीब दोनों की जरूरत है लेकिन सबसे ज्यादा गरीब सरकार के भरोसे रहता है, इसीलिए उनके द्वारा समय-समय पर गरीबों को राहत पहुंचाने के लिए योजनाएं चलाई जा रही है. मुख्यमंत्री ने क्षेत्रीय लोगों की मांग पर “बेगा” जनजाति को अति पिछड़ी जनजाति की सूची में शामिल करने की भी घोषणा कर दी.
तेंदूपत्ता संग्राहक भाई बहनों के लिए मुख्यमंत्री चरण पादुका योजना शुरू करने के साथ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने खुद तेंदूपत्ता संग्राहकों को चप्पल और जूते पहनाए. मुख्यमंत्री ने मंच से यह भी कहा कि इस योजना का लाभ व्यापक पैमाने पर दिया जाएगा लेकिन प्रतीकात्मक रूप से कुछ लोगों को पहनाई गई है. जब मुख्यमंत्री ने खुद चप्पल पहना ही तो लोगों ने तालियां बजाकर योजना का स्वागत किया.
पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा के मुताबिक मध्य प्रदेश में जब भी विधानसभा चुनाव हुए तब बीजेपी ने इस प्रकार की योजनाएं निकालकर लोगों को अपनी और आकर्षित करने का काम किया, मगर जैसे ही चुनाव बीत गए वैसे ही सारी योजनाएं भूल गई. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान खुद 25000 घोषणा कर चुके हैं, इनमें से 5000 घोषणाएं भी अभी तक पूरी नहीं हुई. सिंगरौली में भी मुख्यमंत्री चरण पादुका योजना केवल विधानसभा चुनाव तक ही सीमित रहेगी. सरकार कितनी भी योजनाएं चला दे, मगर इस बार जनता कांग्रेस की सरकार बनाने का मन बना चुकी है.