ग्वालियर: मध्य प्रदेश में पटवारी पद के लिए आयोजित की गई परीक्षा में कथित घोटाले का मामला दोबारा उछल कर सामने आ गया है. मध्य प्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान ने पटवारी भर्ती परीक्षा में हुए घोटाले को स्वीकारा है और मामले की जांच के लिए जांच कमेटी का गठन भी किया है. सीएम शिवराज ने कहा कर्मचारी चयन मंडल के माध्यम से आयोजित ग्रुप-2 , सब ग्रुप-4 और पटवारी भर्ती परीक्षा में हुए घोटाले के लिए जांच बैठा दी गई है.
सीएम शिवराज ने कहा कि नियुक्तियां तब तक नहीं की जाएगी जब तक गड़बड़ी का संदेह सामने नहीं आ जाता. साथ ही उन्होंने दोषियों पर कड़ी कार्रवाई करने का भी आश्वासन दिया. परीक्षा में हुए कथित गड़बड़ी की जांच के लिए सीएम ने हाई कोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधिपति राजेंद्र कुमार वर्मा को नियुक्त किया गया है.
मध्य प्रदेश पटवारी भर्ती परीक्षा में ग्वालियर जिले के एक ही सेंटर से टॉप-10 में 7 कैंडिडेट के होने के चलते धांधली के आरोप लग रहे थे. इस रिजल्ट के विरोध में 1000 से ज्यादा उम्मीदवारों ने भोपाल में प्रदर्शन किया. जिसके बाद इस भर्ती पर रोक लग गई है. अब इस मामले में जांच के आदेश दिए गए हैं.
एमपी ग्रुप -2 सब ग्रुप-4 और पटवारी भर्ती सहित अन्य पदों के लिए भर्ती 05 जनवरी से 19 जनवरी 2023 तक निकाले गए थे. ये आवेदन ऑनलाइन माध्यम से स्वीकार किए गए थे. भर्ती में आयोजन पटवारी, जूनियर लेखपाल एवं अन्य पदों के लिए कुल 3555 पदों पर भर्ती निकाली गई थी. परीक्षा के परिणाम 30 जून को घोषित भी कर दिए गए थे. लेकिन, सीएम के आदेश के बाद फिलहाल सभी नियुक्तियों को रोक दिया गया है.