अयोध्या: श्रीरामजन्मभूमि में रामलला के नवीन विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा के एक वर्ष पूरा होने पर समूचा परिसर रंग बिरंगे फूलों से सजाया गया है। अलग अलग तोरण द्वार सज धज कर तैयार हैं। शनिवार यानि आज भव्य उत्सव होगा। शुक्रवार को प्रतिष्ठा द्वादशी श्रीरामजन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र की ओर से आमंत्रित सदस्य गोपाल राव व तीर्थ क्षेत्र के न्यासी डा अनिल मिश्र ने रामलला की सेवा के लिए नियुक्त सभी 14 पुजारियों की एक संयुक्त बैठक कर अलग-अलग जिम्मेदारियां सौंप दी है। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ होंगे। अधिकृत कार्यक्रम के मुताबिक अयोध्या में शनिवार को चार घंटे रहकर रामलला के प्रतिष्ठा उत्सव में शामिल होंगे। वह रामलला का अभिषेक कर पूजन-अर्चन करेंगे और संत सम्मेलन को भी संबोधित करेंगे।
इसमें दो पुजारी बालक राम के श्रीविग्रह का खड़े होकर अभिषेक करेंगे। दो अन्य पुजारी उनका सहयोग करेंगे। विराजमान रामलला के श्रीविग्रह के अभिषेक व श्रृंगार की जिम्मेदारी एक वरिष्ठ पुजारी को दी गई है जबकि उनके अनुजों की जिम्मेदारी भी अलग-अलग पुजारियों को सौंपी गई है। तीन अन्य पुजारी गण वैदिक मंत्रोच्चारण करेंगे। इस तरह रामलला की महाआरती के दौरान भी अलग-अलग पुजारियों की भूमिकाओं को भी तय कर दिया गया है । रामलला की महाआरती 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा के मुहूर्त पर मध्याह्न 12.20 बजे उतारी जाएगी। राम मंदिर सहित गर्भगृह की साज-सज्जा रात्रि में की जाएगी। प्रतिष्ठा द्वादशी की तिथि पर रामलला के लिए 56 प्रकार के व्यंजनों का भोग भी महाआरती के साथ ही लगाया जाएगा। इस दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी मौजूद रहकर रामलला का पूजन करेंगे। तदुपरांत मुख्यमंत्री योगी संत-महंतो के साथ ही राम मंदिर परिसर में ही प्रसाद भी ग्रहण करेंगे।
यज्ञमंडप में प्रातः काल से शुरू हो जाएगा अनुष्ठान :
रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा के पहले वर्षगांठ पर शनिवार को प्रातः काल से ही यज्ञमंडप में अनुष्ठान का क्रम शुरू हो जाएगा। इसके अन्तर्गत महाराष्ट्र व तमिलनाडु के 11 वैदिक विद्वान आचार्यों के द्वारा शुक्ल यजुर्वेद की मध्यांद्धिनी शाखा के 1975 मंत्रों के जप के साथ हवन का कार्यक्रम शुरू होगा। यह जप व हवन दूसरी पाली में भी जारी रहेगा। इसी के समानांतर राम नाम के बीजाक्षर मंत्र के संकल्पित छह लाख मंत्रों का जप भी शुरू होगा। इसके साथ ही श्री सूक्त, पुरुष सूक्त, अथर्व शीर्ष, आदित्य हृदय स्तोत्र व हनुमान चालीसा का पारायण भी होगा।
रामलला के समक्ष बधाई गान का सिलसिला शुरू :
प्रतिष्ठा द्वादशी के मांगलिक अवसर मन्दिर परिसर में गर्भगृह के निकट प्रार्थना मण्डप में बधाई गान का क्रम शुक्रवार से शुरू हो गया है। इस बधाई गान में मंदिर परम्परा के स्थानीय कलाकारों ने हिस्सा लिया। उधर शनिवार से रासोत्सव का आयोजन होगा। तीर्थ क्षेत्र महासचिव चंपतराय का कहना है कि भारतीय उपासना पद्धति की नवधा भक्ति परम्परा में संगीत द्वारा श्रीराम-राग-सेवा देवता को अर्पित की जाती है। उसी परम्परा में पहले दिन प्रख्यात गायिका श्रीमती उषा मंगेशकर व मयूरेश पई भगवान के सम्मुख भजन से राग-सेवा का आरम्भ करेंगे। इसके उपरांत साहित्य नाहर सितार तथा सन्तोष नाहर वॉयलिन की जुगलबन्दी से भक्ति का अपना कार्यक्रम प्रस्तुत करेंगे। पहले दिन का समापन डॉ. श्रीमती आनन्दा शंकर जयन्त द्वारा भरतनाट्यम नृत्य द्वारा भावयामि रघुरामम की प्रस्तुति के साथ होगी। इसी क्रम में मध्याह्न ढाई बजे संत सम्मेलन के दौरान देश के प्रख्यात कवि एवं साहित्यकार डा. कुमार विश्वास भी काव्य पाठ रामलला को समर्पित करेंगे।