लखनऊ : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को अपने सरकारी आवास पर भारतीय प्रशासनिक सेवा में चयनित प्रशिक्षु अफसरों (2023 बैच) से मुलाकात की। सीएम ने सभी को शुभकामनाएं दीं, फिर अफसरों को काम करने के तरीके के बारे में बताया। इस दौरान मुख्यमंत्री ने प्रशिक्षण के दौरान फील्ड में किए गए कार्यों के बारे में भी अफसरों से जानकारी ली। सीएम ने कहा कि बेहतरीन पारी खेलिए और कुछ नयापन दीजिए। लोकतंत्र में संवाद सबसे बड़ी ताकत है। फील्ड में जब भी जाएं तो आमजन से संवाद स्थापित करें। संवाद शून्य होने से लोगों में असंतोष होता है। उनसे अच्छा व्यवहार करें और कार्यों में शुचिता बरकरार रखें। इससे आपकी छवि अलग और अतुलनीय बनेगी। आम आदमी की किसी भी समस्या को छोटी न समझें, क्योंकि पीड़ित के लिए वह समस्या काफी मायने रखती है। समस्या का समाधान हो जाता है तो वह अधिकारी आमजन का विश्वास हासिल कर लेता है। जमीनी धरातल पर जुड़े लोगों से कभी कटें नहीं। किसी भी समस्या को बड़ी न बनने दें, बल्कि संवाद के जरिए उसका तत्काल रास्ता निकालें।
सीएम योगी ने कहा कि टालने की आदत छोड़ें। पीड़ितों की सुनवाई करें। टालने की आदत से असंतोष पैदा होता है। यह आदत ठीक नहीं होती। समय पर निर्णय लेने की आदत डालें। आईजीआरएस-सीएम हेल्पलाइन की शिकायत सीधे हमारे पास इसलिए आती है क्योंकि सुनवाई स्थानीय स्तर पर ठीक से नहीं होती। इसलिए पीड़ित की सुनवाई करें और मेरिट के आधार पर समय सीमा के भीतर समस्याओं का निस्तारण भी करें।
मुख्यमंत्री योगी ने प्रशिक्षु अफसरों से कहा कि सीखने और पढ़ने की आदत निरंतर रखें। शासन से कोई आदेश गया है तो उसे स्वयं पढ़ें, न कि किसी अन्य पर निर्भर रहें। आपकी दृष्टि औरों से अलग होगी। इसे पढ़कर रिजल्ट में बदलें। प्रशासनिक अधिकारी के रूप में अच्छा मॉडल दें। इससे आपके अधीनस्थ भी कार्यों में रुचि लेंगे। गांवों को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में कार्य करें। मॉडल विलेज बनाने की तरफ सोचें। इसके लिए ग्रामीणों से संवाद करें, श्रमदान के जरिए भी कई कार्य प्राथमिकता से हो सकते हैं। सीएम ने कहा कि अफसर के रूप में नगर निकायों, तहसीलों, थाने और ब्लॉक को स्वावलंबी बनाएं। सीएम ने अफसरों को सीख दी कि गलत तत्वों से हर हाल में दूरी बनाएं। घर की बजाय लोगों को ऑफिस में बुलाएं और वहीं संवाद बनाएं।