लखनऊ। देवरिया में भूमि विवाद में छह लोगों की हत्या के मामले में लापरवाह अधिकारियों पर कार्रवाई के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राजस्व वादों के निस्तारण को लेकर बेहद कड़ा रुख अपनाया है। राजस्व वादों के निपटारे में देरी पर उन्होंने मंडलायुक्त और डीएम की जवाबदेही तय की है। आम लोगों से जुड़े नामांतरण, वरासत, पारिवारिक बंटवारे, पैमाइश जैसे राजस्व वादों के निस्तारण में अनावश्यक देरी पर कड़ी नाराजगी जताई है। इसे लेकर तहसीलवार प्रदर्शन की रिपोर्ट जारी की।
मुख्यमंत्री ने गुरुवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से समीक्षा बैठक में कहा कि राजस्व वादों में ‘तारीख पर तारीख’ की प्रवृत्ति कतई बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने कहा कि आईजीआरएस में कुछ जिलों का प्रदर्शन खराब है, जो प्रदेश की साख पर बट्टा लगा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने डीएम और एसपी से कहा कि फील्ड में तैनाती जनसेवा का सबसे अच्छा अवसर होता है। फील्ड में हर तैनाती मेरिट के आधार पर ही होनी चाहिए। यदि कहीं किसी अधिकारी ने सिफारिश या दबाव में फील्ड में अधीनस्थ अधिकारी की तैनाती की है तो ऐसा करना संबंधित अधिकारी के लिए अपने भविष्य से खिलवाड़ करने जैसा है।
सीएम योगी ने कहा कि आईजीआरएस की दो माह की रिपोर्ट की तुलना करते हुए कहा कि अधिकारी जनता के लिए तैनात हैं, जनता से मिलना और समस्याओं का निस्तारण प्राथमिकता पर होना चाहिए। फील्ड में तैनात जो अधिकारी-कर्मचारी क्लब कल्चर के चलते ऐसा नहीं कर पा रहे हैं, वे तत्काल फील्ड की तैनाती छोड़ दें। उन्होंने हिदायत दी कि त्योहारों पर प्रदेश को बिजली कटौती से मुक्त रखा जाए।