मातृ शक्ति के पांव पखार सीएम योगी होंगे रथ पर सवार, गोरखनाथ मंदिर में नवमी की तिथि पर मंगलवार सुबह मुख्यमंत्री करेंगे कन्या पूजन
गोरखपुर: शारदीय नवरात्र की नवमी तिथि पर मंगलवार सुबह गोरक्षपीठाधीश्वर एवं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मातृशक्ति के पांव पखारेंगे तो अपराह्न बेला में दशमी तिथि के मान में गोरखनाथ मंदिर से निकलने वाली पारंपरिक विजयदशमी शोभयात्रा की अगुवाई करने को रथ पर सवार होंगे। शोभायात्रा से पूर्व दोपहर में गोरखनाथ मंदिर में गोरक्षपीठाधीश्वर का तिलकोत्सव होगा तो यात्रा के समापन पश्चात संतो द्वारा पात्र देवता में रूप में गोरक्षपीठाधीश्वर की पूजा की जाएगी।
शारदीय नवरात्र पर गोरक्षपीठ में शक्ति उपासना विशिष्ट होती है। नवरात्र की प्रतिपदा को गोरक्षपीठाधीश्वरएवं मुख्यमंत्री ने विधि विधान से मंदिर के शक्तिपीठ में कलश स्थापना की थी। रविवार शाम से वह पुनः मंदिर में प्रवास कर रहे हैं। रविवार को उन्होंने अष्टमी तिथि के मान में महानिशा पूजा के अनुष्ठान, हवन को पूर्ण किया था। सोमवार को भी वह जगतजननी मां आदिशक्ति की उपासना में रत रहे। सीएम योगी नवमी तिथि पर मंगलवार को मां दुर्गा के नवम स्वरूप देवी सिद्धिदात्री की आराधना के उपरांत सुबह आठ बजे कन्या पूजन करेंगे। परंपरा के अनुसार वह मां दुर्गा स्वरूपा कुंवारी कन्याओं के पांव पखारेंगे, उनके माथे पर रोली, चंदन, दही, अक्षत का तिलक लगा विधि विधान से पूजन करेंगे। पूरी श्रद्धा से भोजन कराकर दक्षिणा व उपहार देकर उनका आशीर्वाद भी लेंगे। इस दौरान परंपरा के अनुसार बटुक पूजन भी किया जाएगा। गोरक्षपीठ की ओर कुमारी कन्याओं और बटुक भैरव को दक्षिणा भी प्रदान की जाएगी।
इसी क्रम में श्रीनाथजी का विशिष्ट पूजन एवं समस्त देव विग्रहों का पूजन गोरक्षपीठाधीश्वर द्वारा किया जाएगा। अपराहन एक बजे से तीन बजे तक गोरक्षपीठाधीश्वर का तिलकोत्सव कार्यक्रम, गोरखनाथ मंदिर के तिलक हाल में मनाया जाएगा। इस कार्यक्रम में गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ श्रद्धालुओं को आशीर्वाद देंगे। अपराह्न चार बजे से गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ की भव्य विजयदशमी शोभायात्रा निकलेगी। पीठाधीश्वर, गुरु गोरक्षनाथ का आशीर्वाद लेकर अपने रथ पर सवार होंगे। तुरही, नगाड़े व बैंड बाजे की धुन के बीच गोरक्षपीठाधीश्वर की शोभायात्रा मानसरोवर मंदिर पहुंचेगी। यहां पहुंचकर गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ गोरक्षपीठ से जुड़े मानसरोवर मंदिर पर देवाधिदेव महादेव व अन्य देव विग्रहों की पूजा-अर्चना, अभिषेक करेंगे।
इसके बाद उनकी शोभायात्रा मानसरोवर रामलीला मैदान पहुंचेगी। यहां चल रही रामलीला में वह प्रभु श्रीराम का राजतिलक करेंगे। इसके साथ ही प्रभु श्रीराम, माता जानकी, लक्ष्मण व हनुमानजी का पूजन कर आरती भी उतारी जाएगी। इसके बाद रामलीला मैदान से शोभायात्रा पुनः गोरखनाथ मंदिर पहुंचेगी और सायंकाल सात बजे से दिग्विजयनाथ स्मृति भवन के सामने परिसर में पारंपरिक प्रसाद का वितरण (गरीब, ब्राह्मण एवं अतिथि भोज) का आयोजन होगा। इस भोज में अमीर-गरीब और जाति-मजहब के विभेद से परे बड़ी संख्या में सर्वसमाज के लोग शामिल होते हैं।
नाथपंथ की परम्परा के अनुसार हर वर्ष विजयदशमी के अवसर पर गोरखनाथ मंदिर में पीठाधीश्वर द्वारा संतों के विवादों का निस्तारण किया जाता है। मुख्यमंत्री एवं गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ नाथपंथ की शीर्ष संस्था अखिल भारतवर्षीय अवधूत भेष बारह पंथ योगी महासभा के अध्यक्ष भी हैं। इसी पद पर वह दंडाधिकारी की भूमिका में होते हैं। गोरखनाथ मंदिर में विजयदशमी को पात्र पूजा का कार्यक्रम होता है। इसमें गोरक्षपीठाधीश्वर संतो के आपसी विवाद सुलझाते हैं। विवादों के निस्तारण से पूर्व संतगण पात्र देव के रूप में योगी आदित्यनाथ का पूजन करते हैं। पात्र देवता के सामने सुनवाई में कोई भी झूठ नहीं बोलता है। पात्र पूजा संत समाज में अनुशासन के लिए भी जाना जाता है।