कांग्रेस केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक 25 जनवरी को, त्रिपुरा, मेघालय और नगालैंड चुनाव की बनेगी रणनीति
नई दिल्ली: कांग्रेस की केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक 25 जनवरी को होगी, जिसमें पार्टी 3 राज्यों- त्रिपुरा, नागालैंड और मेघालय में आगामी विधानसभा चुनावों के लिए उम्मीदवारों के नामों पर फैसला करेगी. निर्वाचन आयोग ने 18 जनवरी को इन तीन राज्यों के विधानसभा चुनाव कार्यक्रम की घोषणा की थी. त्रिपुरा में 16 फरवरी को मतदान होगा, जबकि मेघालय और नगालैंड में 27 फरवरी को वोटिंग होगी. तीनों राज्यों के विधानसभा चुनाव परिणामों का ऐलान 2 मार्च को एक साथ होगा. त्रिपुरा, मेघालय और नगालैंड विधानसभा चुनाव में एक समानता यह है कि तीनों राज्यों में बहुमत का आंकड़ा 31 है.
उम्मीदवार विधानसभा चुनाव के लिए त्रिपुरा में 21 जनवरी से 30 जनवरी तक, मेघालय और नगालैंड में 31 जनवरी से 7 फरवरी तक नामांकन कर सकेंगे. नाम वापसी की आखिरी तारीख त्रिपुरा में 2 फरवरी, और मेघालय-नगालैंड में 10 फरवरी है. मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने बताया था कि तीनों राज्यों में 9 हजार 125 पोलिंग स्टेशन बनाए गए हैं. ग्रामीण इलाकों की बात करें तो 2018 के मुकाबले 82% ज्यादा पोलिंग स्टेशन बनाए गए हैं0 तीनों राज्यों में 376 पोलिंग स्टेशन महिला स्टाफ संभालेंगे. त्रिपुरा, मेघालय और नागालैंड में कुल मतदाताओं की संख्या 62.8 लाख है. इनमें 31.47 लाख महिला मतदाता हैं और 80 साल से ज्यादा उम्र वाले 97 हजार वोटर्स हैं. तीनों राज्यों में 1.76 लाख फर्स्ट टाइम वोटर्स हैं.
राजीव कुमार ने कहा कि तीनों राज्यों में महिला वोटरों की भागीदारी ज्यादा है और यहां चुनावी हिंसा भी बहुत कम होती है. हम तीनों राज्यों में निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए प्रतिबद्ध हैं. नगालैंड के मोन जिले का लोंगवा गांव भारत-म्यांमार की सीमा रेखा पर बसा अंतिम गांव है. गांव का एक हिस्सा भारत में है और दूसरा म्यांमार में. गांव के लोगों को दोहरी नागरिकता हासिल है. स्थानीय लोग बिना किसी वीजा-पासपोर्ट या कागजात के बेरोकटोक सीमा पार आवाजाही कर सकते हैं. यहां कोन्याक नागा जनजाति के करीब पांच सौ परिवार रहते हैं. यहां भी मतदान केंद्र बनाया जाएगा.
मेघालय में 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने सबसे ज्यादा 21 सीटें जीती थीं. BJP को यहां महज 2 सीटें ही मिल सकी थीं. नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीईपी) को 19 सीटें मिली थीं. एनपीईपी ने पीडीएफ और एचएसपीडीपी के साथ मिलकर सरकार बनाई. तीनों दलों ने मेघालय डेमोक्रेटिक अलायंस (एमडीए) बनाया. यहां पिछले तीन महीनों से पार्टियां चुनावी मोड में हैं. कांग्रेस ने 40 और NPP ने 58 उम्मीदवारों की लिस्ट पहले ही जारी कर दी है.
त्रिपुरा में 2018 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी. उसे 35 सीटों पर जीत मिली थी. भाजपा ने लेफ्ट के 25 साल के गढ़ को ध्वस्त कर दिया था. पहले बिप्लब कुमार देब CM बनाए गए थे, लेकिन मई 2022 में माणिक साहा को मुख्यमंत्री बना दिया गया. आगामी चुनाव में भाजपा को रोकने के लिए CPM और कांग्रेस ने हाथ मिला लिया है. एक और बड़ी पार्टी ममता बनर्जी की TMC भी है, जो त्रिपुरा चुनाव में ताल ठोकेगी.
नगालैंड में नेशनल डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी की सरकार है. नेफ्यू रियो CM हैं. एनडीपीपी 2017 में अस्तित्व में आई थी. एनडीपीपी ने तब 18 और भाजपा ने 12 सीटें जीती थीं. दोनों दलों ने चुनाव से पहले गठबंधन किया था. सरकार में एनडीपीपी, भाजपा NPP और JDU शामिल हैं. पिछले साल दोनों दलों ने जॉइंट स्टेटमेंट में कहा था कि NDPP 40 और भाजपा 20 सीटों पर मिलकर चुनाव लड़ेगी.
अगले साल लोकसभा चुनाव से पहले 2023 में पूर्वोत्तर के राज्यों त्रिपुरा, मेघालय और नागालैंड के अलावा कुल 9 राज्यों में चुनाव प्रस्तावित हैं. नॉर्थ-ईस्ट के बाद अप्रैल या मई में कर्नाटक में भी विधानसभा चुनाव कराए जाने की संभावना है. 40 सदस्यों वाली मिजोरम विधानसभा का कार्यकाल भी इसी साल 17 दिसंबर को खत्म हो रहा है. जबकि मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान और तेलंगाना में जनवरी 2024 में अलग-अलग तारीखों पर कार्यकाल खत्म होगा. इन सभी राज्यों में इसी साल विधानसभा चुनाव कराए जा सकते हैं.