नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने बुधवार (13 मार्च) को कांग्रेस को झटका देते हुए पार्टी की उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें 105 करोड़ रुपये के बकाया टैक्स की वसूली के लिए इनकम टैक्स के नोटिस पर रोक लगाने की मांग की गई थी. इस मामले को लेकर कांग्रेस पार्टी मार्च 2024 में कोर्ट का रुख किया था.
जस्टिस यशवंत वर्मा की अगुवाई वाली बेंच ने कहा कि हमें दिए गए आदेशों में हस्तक्षेप करने का कोई आधार नहीं है. कांग्रेस पार्टी की ओर से 8 मार्च को उस आवेदन को खारिज करने के बाद हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया गया जिसमें पार्टी के खिलाफ वसूली कार्यवाही शुरू करने के लिए इनकम टैक्स विभाग के 13 फरवरी के नोटिस पर रोक लगाने की मांग की गई थी.
दिल्ली हाईकोर्ट की ओर से कांग्रेस पार्टी को ITAT में दोबारा अपनी दलील रखने के लिए कहा गया है. फरवरी महीने में आयकर विभाग ने 2018-19 के लिए 210 करोड़ रुपये के इनकम टैक्स की मांग को लेकर कांग्रेस पार्टी के चार मुख्य बैंक खाते फ्रिज किए थे. इसके बाद पार्टी ने आयकर विभाग की कार्रवाई पर रोक लगाने की मांग करते हुए ट्रिब्यूनल का दरवाजा खटखटाया था और कहा कि अगर उनके खाते फ्रीज कर दिए गए तो पार्टी बिल और वेतन का भुगतान नहीं कर पाएगी.
कांग्रेस कोषाध्यक्ष अजय माकन ने 21 फरवरी को आरोप लगाया कि मामले में सुनवाई और फैसला लंबित होने तक, आयकर विभाग ने बैंकों को कांग्रेस, भारतीय युवा कांग्रेस और एनएसयूआई के अकाउंट से 65 करोड़ रुपये सरकार को ट्रांसफर करने का आदेश दिया.
इस मामले में कांग्रेस के वकील कोर्ट से आग्रह किया था कि उन्हें कुछ सुरक्षा दी जाए नहीं तो पार्टी टूट जाएगी. उन्होंने कहा था, “लोकसभा चुनाव के लिए अगले कुछ दिनों में अधिसूचना जारी होने की उम्मीदव है, ऐसे में कांग्रेस पार्टी काफी दवाब में है क्योंकि उनके बैंक खाते फ्रिज कर दिए गए हैं.”