जयपुर: राजस्थान में गत पच्चीस सितंबर को दिए कांग्रेस एवं उसके समर्थक करीब नब्बे विधायकों के इस्तीफे के तीन महीने बाद आज इस्तीफे वापस लेना शुरू कर दिया गया। आगमी 23 जनवरी को विधानसभा का बजट सत्र शुरु होने वाला है और उससे पहले कुछ विधायकों ने अपना इस्तीफा वापस लिया है।
जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी मंत्री महेश जोशी ने कहा कि विधासभा सत्र शुरू होने वाला है और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत आगामी बजट पेश करेंगे। अब इस्तीफे वापस लेने है और अच्छा माहौल बनेगा। विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी के पास इस्तीफा वापस लेकर आए विधायक नगराज मीणा ने मीडिया से कहा कि अपनी मर्जी से इस्तीफा दिया था, अब मर्जी से वापस ले लिया है।
राजस्थान में नेतृत्व परिवर्तन के सवाल पर श्री मीणा ने कहा कि चुनाव सामने है और मुख्यमंत्री बदलना कोई कांग्रेस को खत्म करना थोड़ी है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस को मजबूत करना है और सब मिलकर कांग्रेस की सरकार बनाएंगे। उन्होंने कहा कि राजस्थान में मुख्यमंत्री क्यों बदलेगा, मुख्यमंत्री कौन बदल रहा है ,सारे विधायक मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के साथ हैं।
अन्य विधायकों के भी अपने इस्तीफे वापस लेने के बारे में किए सवाल पर कहा कि अन्य का उन्हें पता नहीं , मैंने इस्तीफा वापस ले लिया है। उल्लेखनीय है कि गत 25 सितंबर को कांग्रेस विधायक दल की बैठक बुलाई गई थी उसमें कांग्रेस के विधायकों ने भाग नहीं लिया और लगभग नब्बे विधायकों ने डा सी पी जोशी को अपने इस्तीफे सौंप दिए थे और दिल्ली से आये पर्यवेक्षकों को बिना किसी नतीजे के दिल्ली लौटना पड़ गया था ।
उधर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) प्रदेश अध्यक्ष डॉ. सतीश पूनियां ने अपने वक्तव्य में कहा कि विधानसभा अध्यक्ष के समक्ष लम्बित इस्तीफ़ों को विधानसभा अध्यक्ष द्वारा निर्णय लेने से पूर्व ही कांग्रेस के विधायकों द्वारा सामूहिक रूप से वापस लेना विधानसभा अध्यक्ष की शक्तियों पर अतिक्रमण है, जो कि प्रत्येक परिस्थिति में अस्वीकार्य है।