बेलागवी. असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने गुरुवार को कर्नाटक के बेलागवी में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कांग्रेस और कम्युनिस्ट पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस और कम्युनिस्टों ने दिखाया कि भारत का इतिहास बाबर, औरंगज़ेब और शाहजहां के बारे में था। मैं बताना चाहता हूं कि भारत का इतिहास उनके बारे में नहीं था बल्कि छत्रपति शिवाजी महाराज, गुरु गोबिंद सिंह के बारे में था।
सीएम सरमा ने कहा, “हमारे देश में बहुत से लोग हैं जो गर्व से कहते हैं कि मैं मुस्लिम, ईसाई हूं और मुझे इससे कोई दिक्कत नहीं है लेकिन हमें एक ऐसे व्यक्ति की जरूरत है जो गर्व से कह सके कि मैं हिंदू हूं। भारत को आज ऐसे व्यक्ति की जरूरत है।”उन्होंने कहा, “औरंगजेब के शासन काल में ‘सनातन’ संस्कृति को समाप्त करने का प्रयास किया गया और बहुत से लोगों को बलपूर्वक इस्लाम में परिवर्तित किया गया। उस समय छत्रपति शिवाजी महाराज का जन्म हुआ और उन्होंने दिखाया कि भारत माता उनके जैसा पुत्र पैदा कर सकती है जो औरंगजेब को चुनौती दे सकता है। औरंगजेब हमारी ‘सनातन’ संस्कृति को नष्ट नहीं कर पाया। भारत आज ‘सनातन’ है और हिंदू है और रहेगा… यह सच नहीं था कि औरंगजेब ने पूरे भारत पर कब्जा कर लिया था।”
सीएम सरमा ने कहा, “दक्षिण भारत और उत्तर पूर्व कभी भी औरंगजेब के शासन में नहीं थे लेकिन साम्यवादी इतिहासकार यह दिखाने की कोशिश करते हैं कि पूरा भारत औरंगजेब के नियंत्रण में था। आज हमें एक नया इतिहास लिखने की जरूरत है।” उन्होंने कहा कि, “कांग्रेस और कम्युनिस्टों ने दिखाया कि भारत का इतिहास बाबर, औरंगजेब और शाहजहां के बारे में था। मैं बताना चाहता हूं कि भारत का इतिहास उनके बारे में नहीं था बल्कि छत्रपति शिवाजी महाराज, गुरु गोबिंद सिंह के बारे में था।
कांग्रेस पर भारत को कमजोर करने का आरोप लगाते हुए सीएम सरमा ने कहा, “कभी दिल्ली के शासक मंदिरों को तोड़ने की बात करते थे लेकिन आज पीएम मोदी के राज में मैं मंदिरों के निर्माण की बात कर रहा हूं। यह नया भारत है। कांग्रेस इस नए भारत को कमजोर करने का काम कर रही है। कांग्रेस आज नए मुगलों का प्रतिनिधित्व कर रही है।”उन्होंने कहा कि, “बांग्लादेश के लोग असम आते हैं और हमारी सभ्यता और संस्कृति के लिए खतरा पैदा करते हैं। मैंने 600 मदरसों को बंद कर दिया है और मेरा इरादा सभी मदरसों को बंद करने का है क्योंकि हम मदरसे नहीं चाहते। हमें स्कूल, कॉलेज और विश्वविद्यालय चाहिए।”