अहमदाबाद : गुजरात कांग्रेस ने बीते विधानसभा चुनाव में करारी हार की खामियों को दुरुस्त करना शुरू कर दिया है। पार्टी ने इसी कवायद में पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के आरोप में 38 पदाधिकारियों को निलंबित कर दिया है। गुजरात कांग्रेस शुक्रवार को बताया कि उसने दिसंबर में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के आरोप में 38 पदाधिकारियों को छह साल के लिए निलंबित किया है। पार्टी संयोजक बालूभाई पटेल ने संवाददाताओं को बताया कि गुजरात कांग्रेस की अनुशासन समिति ने इस महीने दो बार बैठक की। पार्टी को अब तक 95 लोगों के खिलाफ 71 शिकायतें प्राप्त हुई हैं।
बालूभाई पटेल ने बताया कि हमने पार्टी विरोधी गतिविधियों के लिए 38 पार्टी कार्यकर्ताओं को निलंबित कर दिया है। अन्य के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी। आठ कार्यकर्ताओं को चेतावनी दी गई है। सुरेंद्रनगर जिला अध्यक्ष रायभाई राठौड़, नर्मदा जिला अध्यक्ष हरेंद्र वलंद और नांदोद के पूर्व विधायक पीडी वसावा उन 38 लोगों में शामिल हैं जिन्हें पार्टी से छह साल के लिए निलंबित किया गया है। मालूम हो कि सूबे में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने महज 17 सीटें जीतीं थी। वहीं भाजपा ने 182 सदस्यीय सदन में रिकॉर्ड 156 सीटें जीतकर सत्ता बरकरार रखी थी।
उल्लेखनीय है कि मंगलवार को बीते विधानसभा चुनावों में मिली हार को लेकर मंथन की प्रक्रिया शुरू की थी। इसके लिए एक तीन सदस्यीय समिति ने सौराष्ट्र के पार्टी नेताओं के साथ बातचीत की थी। समिति में शकील अहमद खान, नितिन राउत और सप्तगिरि संकर उलका शामिल हैं। इस समिति का गठन चार जनवरी को किया गया था। पार्टी ने इस समिति से दो हफ्ते के भीतर अपनी रिपोर्ट सौंपने को कहा है। समिति के नेताओं का कहना है कि पार्टी के नेताओं से उन्हें गंभीर जानकारियां मिल रही हैं। इस समिति को पार्टी के हार की वजहें बतानी हैं। साथ ही सूबे में संगठन को मजबूत करने का सुझाव भी देना है।
उल्लेखनीय है कि हाल ही में कांग्रेस ने गुजरात में अमित चावड़ा को अपने विधायक दल का नेता और शैलेश परमार को उपनेता नियुक्त किया। अखिल भारतीय कांग्रेस समिति (एआईसीसी) के महासचिव केसी वेणुगोपाल की ओर से गुजरात इकाई के प्रमुख जगदीश ठाकोर को भेजे गए पत्र में कहा गया कि पार्टी अध्यक्ष ने राज्य में कांग्रेस विधायक दल के नेता के तौर पर चावड़ा और उपनेता के तौर पर परमार के नामांकन के लिए भेजे प्रस्ताव को मंजूरी दी है। मालूम हो कि गुजरात विधानसभा सचिवालय ने हाल में विपक्षी कांग्रेस से 19 जनवरी से पहले सदन में अपना नेता नियुक्त करने को कहा था।