मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में बीजेपी को पछाड़ने,बीजेपी की चुनावी रणनीति अपनाएगी कांग्रेस

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भोपाल: मध्य प्रदेश में इसी साल नवंबर में विधानसभा चुनाव होने हैं. कांग्रेस सत्तारूढ़ बीजेपी को किसी भी हाल में सत्ता से बेदखल करना चाहती है. राहुल गांधी की ‘भारत जोड़ो यात्रा’ को मिल रहे जन समर्थन से कांग्रेस उत्साहित है. कांग्रेस को लग रहा है कि वह बीजेपी की चुनावी रणनीति अपना कर ही विधानसभा चुनाव में बीजेपी को पछाड़ सकती है. वह चाहे राहुल गांधी का मंदिरों में जाकर पूजाकर बहुसंख्यक हिंदू समाज को भावनात्मक रूप से खुद को जुड़ा दिखाने की रणनीति हो या फिर संगठनात्मक रूप से कांग्रेस को परिवारवाद से मुक्त दिखाने की कोशिश हो, सारी कवायद चुनावी रणनीति का हिस्सा है.

मतदाता सूची का सत्यापन करेंगे पन्ना प्रभारी

इसी क्रम में मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव को देखते हुए कांग्रेस बीजेपी की तर्ज पर पन्ना प्रभारी बनाने जा रही है. पन्ना प्रभारी का काम बूथ स्तर पर मतदाताओं से संपर्क करने का रहेगा. वैसे लोग जो उस क्षेत्र में नहीं रहते और उनका नाम मतदाता सूची में है, तो पन्ना प्रभारी उसकी शिकायत निर्वाचन आयोग से करेंगे और उसकी जानकारी कांग्रेस संगठन को देंगे. इस तरह ही ये मतदाता सूची का सत्यापन करने का काम करेंगे. इस तरह बूथ स्तर पर कांग्रेस बीजेपी को टक्कर देने की तैयारी में है. कांग्रेस को यह एहसाह हो गया है कि बूथ स्तर पर मजबूत पकड़ बनाए बगैर चुनाव जीतना संभव नहीं है. कांग्रेस के दिग्गज भी मानने लगे हैं कि बीजेपी की चुनावी सफलता के पीछे बेहतर बूथ मैनेजमेंट और बहुसंख्यक हिंदू समाज को भावनात्मक रूप से जोड़ पाना है.

नियुक्त होंगे 64 हजार से ज्यादा बूथ प्रभारी

गुजरात विधानसभा की चुनावी विफलता के बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं में शुमार एके एंटनी ने भी इसे स्वीकार किया है कि बहुसंख्यक समाज को जोड़े बिना कांग्रेस की चुनावी राह कठिन है. मध्य प्रदेश में कांग्रेस इसे समझते हुए कांग्रेस जिलों में संगठन मंत्री नियुक्त कर रही है. 15 जिलों में ये नियुक्त भी किए जा चुके हैं जल्द ही और जिलों में नियुक्त कर दिए जाएंगे. इनका काम कांग्रेस के विभिन्न संगठनों के बीच समन्वय स्थापित करना रहेगा. 230 सदस्यीय विधानसभा में कांग्रेस पिछले चुनाव से बेहतर प्रदर्शन कर सके इसके लिए कोई कसर नहीं छोड़ी जा रही है. पिछले विधानसभा चुनाव में भी कांग्रेस के 114 प्रत्याशी जीते थे जबकि बीजेपी 109 सीट ही जीत पाई थी. कांग्रेस इस बार सत्ता पर काबिज रह सके इसके लिए 64 हजार 100 बूथ लेवल के प्रभारी और एजेंट नियुक्त करने की भी तैयारी है.

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