चंडीगढ़ (Chandigarh) । राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली (Delhi) को लेकर केंद्र सरकार (Central government) द्वारा लाए गए अध्यादेश पर अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) को कांग्रेस (Congress) का साथ मिलता नहीं दिख रहा है। कांग्रेस की दिल्ली और पंजाब यूनिट दिल्ली सीएम केजरीवाल पर हमलावर है और पार्टी हाईकमान से किसी भी तरह से केजरीवाल को समर्थन नहीं देने के लिए कह रही है।
पंजाब कांग्रेस के नेता प्रताप सिंह बाजवा ने बुधवार को आम आदमी पार्टी को प्लेग बीमारी तक बता दिया। आम आदमी पार्टी पर पूछे गए सवाल पर प्रताप सिंह बाजवा ने कहा, ”हम इस प्लेग से दूर रहना चाहते हैं। इससे जितना दूर रहें, उतना अच्छा है। मैंने और मेरे साथियों ने पार्टी आलाकमान को साफ-साफ बता दिया है कि यह बीजेपी की बी टीम है। दोनों एक ही सिक्के के दो पहलू हैं। इस आदमी (अरविंद केजरीवाल) को विपक्ष में छोड़ दिया गया है ताकि विपक्ष की आमने-सामने की टक्कर न हो सके। जब गुब्बारा पूरा फुल जाएगा तो पिन चुभा दी जाएगी। हमें चाहिए कि केजरीवाल से बहुत सावधान रहें। अगर हमें विपक्ष रखना है तो कांग्रेस को उनसे कोई लेना-देना नहीं होना चाहिए।”
इससे पहले एआईएमआईएम चीफ ओवैसी ने भी अध्यादेश के मुद्दे पर केजरीवाल का समर्थन करने से इनकार कर दिया था। ओवैसी ने केजरीवाल को कट्टर हिंदुत्व का पालन करने वाला बताया। ओवैसी ने कहा, ”केजरीवाल ने अनुच्छेद-370 पर बीजेपी का समर्थन क्यों किया? अब वह क्यों रो रहे हैं? मैं केजरीवाल का समर्थन नहीं करने जा रहा हूं, क्योंकि वह सॉफ्ट हिंदुत्व को नहीं, बल्कि कट्टर हिंदुत्व को फॉलो करते हैं।” मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव सीताराम येचुरी, तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव, शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के प्रमुख उद्धव ठाकरे, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी प्रमुख शरद पवार और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आम आदमी पार्टी को इस मामले में समर्थन दिया है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार तथा उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने भी इस मामले में केजरीवाल को समर्थन दिया है। केजरीवाल ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे तथा कांग्रेस नेता राहुल गांधी से भी मिलने का समय मांगा है।
केजरीवाल राष्ट्रीय राजधानी में प्रशासनिक सेवाओं पर नियंत्रण के संबंध में केन्द्र द्वारा जारी अध्यादेश के खिलाफ समर्थन जुटाने के वास्ते तमिलनाडु और झारखंड के मुख्यमंत्रियों से मुलाकात करेंगे। केजरीवाल ने बुधवार को ट्वीट किया,”केंद्र के असंवैधानिक- अलोकतांत्रिक दिल्ली विरोधी अध्यादेश के खिलाफ द्रमुक का सहयोग जुटाने के वास्ते तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन से कल चेन्नई में मुलाकात होगी।” केजरीवाल ने एक अन्य ट्वीट में कहा, ” परसों यानी दो जून को मैं झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से रांची में मुलाकात करूंगा। दिल्ली की जनता के खिलाफ लाए गए मोदी सरकार के अध्यादेश के विरोध में उनका समर्थन मांगूंगा।”
दिल्ली को लेकर अध्यादेश लेकर आई है सरकार
केंद्र ने भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) और दानिक्स कैडर के अधिकारियों के तबादले और उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई के लिए राष्ट्रीय राजधानी सिविल सेवा प्राधिकरण बनाने के उद्देश्य से हाल ही में एक अध्यादेश जारी किया था। यह अध्यादेश उच्चतम न्यायालय द्वारा दिल्ली में निर्वाचित सरकार को पुलिस, सार्वजनिक व्यवस्था और भूमि से संबंधित मामलों को छोड़कर अन्य मामलों का नियंत्रण सौंपने के बाद लाया गया था। अध्यादेश जारी किए जाने के छह महीने के भीतर केंद्र को इसकी जगह संसद में एक विधेयक पेश करना होगा।