मीठी तुलसी के पत्तों (स्टीविया) का सेवन वजन कम करने में मददगार

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नई दिल्ली : मोटापा एक गंभीर समस्या जिससे अधिकतर लोग पीड़ित हैं। इसमें कोई शक नहीं है कि बढ़ता मोटापा न सिर्फ आपकी सुंदरता को कम करता है बल्कि कई गंभीर बीमारियों को न्योता भी देता है। अधिक वजन बढ़ने से डायबिटीज, कैंसर, हाई बीपी समेत अनगिनत बीमारियों का रिस्क होता है। वजन बढ़ना जितना आसान है, उसे कम करना उतना ही मुश्किल है।

वजन कम करने के घरेलू उपाय क्या हैं? अगर जिम में पसीना बहाकर या तमाम तरह के डाइट प्लान फॉलो करके आपको मनचाहा रिजल्ट नहीं मिल पा रहा है, तो आप मीठी तुलसी के पत्तों या स्टीविया का सहारा ले सकते हैं। NCBI पर छपे एक अध्ययन (Ref) में वैज्ञानिकों ने माना है कि मीठी तुलसी के पत्तों का सेवन करने से वजन नहीं बढ़ता है क्योंकि इसमें कैलोरी नहीं होती है।

स्टीविया दक्षिण अमेरिका का मूल पौधा है जिसका उपयोग सैकड़ों वर्षों से नैचुरल शुगर के ऑप्शन और स्वाद बढ़ाने वाले घटक के रूप में किया जाता रहा है। जीरो कैलोरी वाले इस पौधे के पत्तों के रस का इस्तेमाल खाद्य पदार्थों और पेय पदार्थों में एनर्जी और एक्स्ट्रा शुगर को कम करने के लिए किया जा रहा है। इसमें कई ऐसे पोषक तत्व पाए जाते हैं, जो कई आम और गंभीर बीमारियों के रिस्क को कम करने में सहायक हैं।

अधिक वजन और मोटापे के कई कारण हैं जिनमें किसी तरह की फिकल एक्टिविटी नहीं करना और कैलोरी वाले फूड्स का अधिक सेवन करना आदि शामिल हैं। मीठा खाने से मोटापा बढ़ने का सबसे ज्यादा खतरा होता है। इसका मतलब है कि अगर आप शुगर वाली चीजों का अधिक सेवन कर रहे हैं, तो पूरे चांस हैं कि आपका मोटापा बढ़े। अच्छी बात यह है कि मीठी तुलसी में शुगर नहीं होती है और अगर होती भी है, तो बहुत ही कम होती है। जाहिर है जब शुगर नहीं है, तो कैलोरी भी नहीं होगी। यही वजह है कि इसके सेवन से मोटापा नहीं बढ़ता है और वजन कम होने का चांस बढ़ जाता है।

चूंकि शुगर ब्लड शुगर और इंसुलिन लेवल को काफी हद तक बढ़ा देती है, इसलिए इसे शुगर की जगह स्टीविया जैसे नॉन-ग्लाइसेमिक स्वीटनर लेने से ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करने में मदद मिल सकती है। ऐसा माना जाता है कि स्टेविया का ब्लड शुगर, इंसुलिन लेवल और ब्लड प्रेशर पर न्यूनतम या कोई प्रभाव नहीं पड़ता है। जिन मनुष्यों ने स्टीविया का सेवन किया, उनमें एस्पार्टेम का सेवन करने वालों की तुलना में भोजन के बाद शुगर और इंसुलिन का लेवल कम था।

स्टीविया के रस में कुछ ग्लाइकोसाइड होते हैं, जो रक्त वाहिकाओं को चौड़ा करने की ताकत रखते हैं। वे सोडियम उत्सर्जन और मूत्र उत्पादन भी बढ़ा सकते हैं। 2003 के एक अध्ययन से पता चला कि स्टीविया संभावित रूप से रक्तचाप को कम करने में मदद कर सकता है। अध्ययन से पता चला कि स्टीविया पौधे में कार्डियोटोनिक क्रियाएं हो सकती हैं। कार्डियोटोनिक क्रियाएं रक्तचाप को सामान्य करती हैं और दिल की धड़कन को नियंत्रित करती हैं।

न्यूट्रिशनिस्ट और डाइटीशियन शिखा अग्रवाल शर्मा का मानना है कि मीठी तुलसी के पत्तों का इस्तेमाल चाय के रूप में किया जा सकता है। आप बेकिंग या खाना पकाने के लिए स्टीविया की पत्तियों को पीसकर बारीक पाउडर भी बना सकते हैं। यह कॉफी ग्राइंडर या ब्लेंडर से किया जा सकता है। इनके अलावा आप रोजाना सुबह बासी मुंह कुछ पत्तों को चबा भी सकते हैं लेकिन बहुत ज्यादा और लंबे समय तक ऐसा न करें।

कई अध्ययनों ने मीठी तुलसी के कई दुष्प्रभावों की पहचान की है। ऐसा माना जाता है कि स्टीविया जड़ी बूटी आपकी किडनी, प्रजनन प्रणाली और हृदय प्रणाली को नुकसान पहुंचा सकती है। यह ब्लड प्रेशर को ज्यादा कम कर सकती है। इनके अलावा ब्लड शुगर को कम करने वाली दवाओं के साथ इसे लेने से रिएक्शन हो सकता है।

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