नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश में कांवरियों के सभी रूटों पर दुकानदारों को अपना नाम और पता लिखने को लेकर उठा विवाद गहराता जा रहा है। नेम प्लेट लगाने के उत्तर प्रदेश सरकार के फरमान के खिलाफ एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने भी एक बड़ा बयान दिया है। हैदराबाद सांसद ने इसे आर्टिकल 19 के खिलाफ बताया है। इसके साथ ही उन्होंने सरकार से इस पर रोक लगाने की मांग की है।
रविवार को बजट सत्र से पहले संसद में एक सर्वदलीय बैठक हुई। बैठक के बाद एआईएमआईएम मुखिया असदुद्दीन ओवैसी ने नेम प्लेट विवाद को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार और भारतीय जनता पार्टी को निशाना बनाया है। असदुद्दीन ओवैसी ने कहा है कि कोई सरकार संविधान के खिलाफ कोई ऑर्डर पास करती है तो भारत सरकार को उसका नोटिस लेना चाहिए। उसके पास अख्तियार है।
ओवैसी ने कही बड़ी बात
हैदराबाद सांसद ने आगे कहा कि इस तरह का ऑर्डर संविधान के आर्टिकल 17 का वॉयलेशन है। ये लोग छुआ-छूत को प्रोमोट कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह राइट टू लाइफ के खिलाफ है। इतना ही नहीं उन्होंने इस दौरान यह भी कहा कि यह आदेश आर्टिकल 19 के खिलाफ है। इस दौरान उन्होंने सवालिया अंदाज में कहा कि आपने किस बुनियाद पर यह ऑर्डर निकाला है?
हैदराबाद सांसद का सवाल
असदुद्दीन ओवैसी ने अपने बयान में आगे कहा कि मुजफ्फर नगर में मुस्लिमों को ढाबे से निकाल दिया गया है। मुसलमानों के ढाबे पर कोई जा नहीं रहा है खाना खाने के लिए। उन्होंने कहा कि कल को मुसलमान बोलेगा कि मैं 30 रोजे रखता हूं, 15 घंटे पानी नहीं पीता हूं। आप पानी मत पिलाइए किसी को। ऐसा कर सकते हैं क्या? उन्होंने कहा कि ये तो खुलेआम नफरत फैलाई जा रही है मुसलमानों के खिलाफ। हम विकसित भारत की बात कर रहे हैं या हिटलर के भारत की।